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Friday 27 December 2013

प्राध्यापकों के नौकरी छोडऩे से विद्यार्थियों का भविष्य अधर में

** कैथल के ग्योंग, रामगढ़ पांडवा व सोंगरी के आरोही स्कूल में कांट्रेक्ट बेस पर लगे 13 प्राध्यापकों ने अपनी नौकरी छोड़ी 
कैथल : प्रदेश सरकार की गलत नीतियों के कारण आरोही स्कूल सुचारू रूप से नहीं चल पा रहे हैं। इन स्कूलों में कांट्रेक्ट बेस पर लगे टीचरों ने नौकरी छोडऩा शुरू कर दिया है। प्रदेश सरकार ने तीन वर्ष पहले शिक्षा के क्षेत्र में पिछड़े ब्लॉकों में 36 आरोही स्कूल खोले थे। केंद्र और प्रदेश सरकार का इन स्कूलों में बराबर का शेयर है। 
एक स्कूल के भवन पर लगभग पांच करोड़ रुपए की राशि खर्च की गई थी। इस हिसाब स्कूलों से प्रदेश के सभी स्कूलों पर 180 करोड़ रुपए प्रदेश में खर्च हुए हैं। शुरुआत में दो वर्ष इन स्कूलों को सरकारी भवनों में चलाया गया। सरकारी स्कूलों का स्टाफ डेपुटेशन पर रखा गया। 
पहले साल इन स्कूलों में विद्यार्थी तो आए, लेकिन सुविधा न मिलने के बाद कुछ ही दिनों में स्कूलों में बहुत कम बच्चे रह गए। दूसरे साल भी यही हाल रहा। लेकिन इसके बाद प्रदेश सरकार ने इन स्कूलों में कांट्रेक्ट बेस पर स्टाफ की भर्ती की गई। ज्यादातर पीएचडी व नेट क्वालिफाइड युवकों को इस भर्ती में जगह मिली। इसके बाद दाखिला भी मेधावी छात्रों का हुआ। 
स्कूलों की पढ़ाई सुचारू रूप से चल रही थी, लेकिन प्रदेश में पीजीटी की नियमित भर्ती होने से इन स्कूलों में कांट्रेक्टर बेस पर लगे टीचरों का सेलेक्शन हो गया। अब वे नौकरी छोड़कर जा रहे हैं। प्रदेश के हर स्कूल से चार से पांच टीचरों की सेलेक्शन हो गई है। उन्होंने नौकरी छोडऩा शुरू कर दिया है। कैथल के गांव ग्योग से फिजिक्स, मैथ, केमिस्ट्री, ज्योग्राफी व पंजाबी, सोंगरी से फिजिक्स, मैथ व कॉमर्स। इसी तरह रामगढ़ पांडवा से भी तीन टीचरों ने नौकरी छोड़ दी है। प्रदेश के 36 स्कूलों में 100 से ज्यादा टीचरों ने नौकरी छोड़ दी है। प्राध्यापकों के पलायन से विद्यार्थियों की पढ़ाई पर भी विपरीत असर पड़ेगा। 
आगे क्या : 
प्राध्यापक सतीश कुमार ने बताया कि इन स्कूलों को चलाना है तो स्कूलों में कांट्रेक्ट बेस पर लगे प्राध्यापकों को नियमित करना होगा। जो अध्यापक नौकरी छोड़ चुके हैं। इनकी जगह भी नियमित भर्ती होनी चाहिए। प्रदेश सरकार इन टीचरों का एक साल के लिए कांट्रेक्ट बढ़ा रही है, लेकिन इससे काम चलने वाला नहीं है।
पीजीटी में नियमित भर्ती का असर
हरियाणा टीचर भर्ती बोर्ड पीजीटी में नियमित भर्ती का असर है कि जिन प्रतिभाशाली युवकों ने इन स्कूलों में कांट्रेक्ट पर नौकरी हासिल की थी। वे पक्की नौकरी लगने बाद आरोही स्कूलों को अलविदा कह रहे हैं। अभी इन नियमित भर्तियों की अंग्रेजी, संस्कृत व हिंदी विषय की लिस्ट जारी होने वाली है। दिसंबर माह के अंतिम सप्ताह में तीनों विषयों की लिस्ट आने पर आरोही स्कूलों में प्राध्यापकों की ज्यादा कमी हो जाएगी। क्योंकि जो भी लिस्ट आ रही है आरोही स्कूल में इन सब्जेक्ट्स को पढ़ा रहे टीचर भी इन स्कूलों को अलविदा कह जाएंगे। क्योंकि ये सभी भी नेट पास हैं और पहली लिस्ट की तरह मेरिट आधार पर इन का सेलेक्शन होना तय है। पीजीटी की नियमित भर्ती का सीधा असर इन्हीं स्कूलों पर सबसे ज्यादा पड़ा है। इन स्कूलों में अभी 9वीं व 11वीं की पढ़ाई कराई जा रही है। अगले सत्र से इन स्कूलों में 10वीं व जमा दो की पढ़ाई शुरू होनी थी। लेकिन प्राध्यापकों की कमी का असर इन स्कूलों के दाखिले पर पढ़ेगा। अकेले कैथल में खुले तीन आरोही स्कूलों के 42 प्राध्यापकों में पहले दौर में 13 नौकरी छोड़ गए हैं। दूसरी लिस्ट आने पर इतने ही प्राध्यापक स्कूल को अलविदा कह जाएंगे।
उच्चाधिकारियों को अवगत करा दिया : अंचल 
"आरोही स्कूलों से कुछ प्राध्यापक चले गए हैं। इस बारे में शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों को अवगत करा दिया है। बच्चों की पढ़ाई खराब न हो इसलिए फिलहाल नजदीक के स्कूलों से यहां पर टीचरों को लगाया जाएगा।"--दयानंद अंचल, डीईओ, कैथल                                          db

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