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Thursday, 5 October 2017

रात को 11वीं का पेपर लीक, सुबह उसी प्रश्नपत्र से ली परीक्षा, डीईओ ने नकारा

** जहाजपुल सरकारी स्कूल में टीम ने मारा छापा, अभिभावक के खिलाफ ही शिकायत
हिसार : सरकारी स्कूलों की छह माही परीक्षा के तहत 11वीं कक्षा का बुधवार को होने वाला अंग्रेजी का पेपर मंगलवार रात को ही वाट्सएप पर वायरल हो गया। बुधवार सुबह जहाजपुल स्थित राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल के विद्यार्थी के अभिभावक ने इसकी सूचना जिला शिक्षा अधिकारी से लेकर स्कूल प्राचार्य व अन्य अधिकारियों को दी। सूचना मिलते ही जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा गठित जांच टीम ने स्कूल में छापामारी की। छापामारी के दौरान पेपर चल रहा था। इस दौरान टीम ने वायरल हुए पेपर का असली पेपर से मिलान किया तो उसे हूबहू मिला। अधिकारियों ने दबी जुबान में पेपर लीक की बात मानी, लेकिन अपनी रिपोर्ट में पेपर लीक होने की बात से इन्कार कर दिया। स्कूल प्राचार्य ने अभिभावक द्वारा शिकायत उच्च अधिकारियों को करने पर उलटा अभिभावक के खिलाफ ही पुलिस में शिकायत कर दी। 
पेपर लीक की सूचना एक छात्र की मां ने वाट्स एप पर शिक्षा विभाग के आलाधिकारियों को अंग्रेजी का पेपर परीक्षा शुरू होने से ठीक आधे घंटा पहले भेजकर दी थी। जब तक प्राचार्य को सूचना दी गई तब करीब 9 बज चुके थे। पेपर वाट्स एप पर वायरल होने की सूचना के बाद भी परीक्षा जारी रही। न तो प्राचार्य ने इस बारे में उच्च अधिकारियों को सूचना दी और अभिभावक द्वारा सूचना मिलने पर भी गंभीरता नहीं दिखाई। उधर स्कूल में पहुंची टीम की जांच में सामने आया कि वाट्स एप पर हुआ पेपर और परीक्षा में बच्चों को दिया गया पेपर एक ही है। जांच के दौरान अधिकारियों को कोई पेपर लीक से जुड़े पुख्ता सबूत नहीं मिले। मौके पर मौजूद दैनिक जागरण के पत्रकार ने जब अधिकारियों से पेपर लीक संबंध में बातचीत की तो अधिकारियों ने पेपर लीक होने की पुष्टि की, लेकिन अपनी जांच रिपोर्ट में इस बात को इन्कार कर गए। वहीं टीम के जाने के बाद नाराज प्राचार्य ने सूचना देने वाले के खिलाफ नई सब्जीमंडी चौकी में शिकायत दी कि पेपर स्कूल से बाहर कैसे गया। शिकायतकर्ता को पेपर कहां से मिला। इसी जांच की जाए।
"मिलान करने पर वाट्सएप वाला पेपर और परीक्षार्थियों को दिया गया पेपर एक ही मिला और इससे पेपर के लीक होने की कहीं न कहीं पुष्टि होती है। हालांकि कोई ठोस सबूत हमें नहीं मिल पाए।"-- गौतम कुमार, बीईओ व जांच टीम के सदस्य
"ग्यारहवीं कक्षा का अंग्रेजी पेपर लीक होने की सूचना मिली थी। त्वरित कार्रवाई करते हुए जहाजपुल के सरकारी स्कूल में जांच टीम भेजी गई। लेकिन कोई ठोस सुबूत नहीं मिले हैं।"-- बलजीत सहरावत, डीईओ

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