कैथल : जन सेवा सर्वे के विरोध में गुहला में तहसीलदार कार्यालय के बाहर
धरने पर बैठे 40 से 50 शिक्षकों को गुहला पुलिस ने हिरासत में लिया है।
हिरासत तहसीलदार की उपायुक्त को की गई शिकायत के बाद हुई। तहसीदार ने धरने
दे रहे शिक्षकों का हटने के लिए कहा, लेकिन शिक्षक नहीं माने तो तहसीलदार
इसकी शिकायत जिला उपायुक्त को कर दी। इसके बाद बस और जिप्सी में सवार होकर
काफी संख्या में पुलिस कर्मचारी मौके पर पहुंचे और शिक्षकों को गिरफ्तार कर
थाने ले गए। शिक्षक संगठन सरकार द्वारा शिक्षकों से जन सेवा सर्वे करवाने
का विरोध धरने प्रदर्शन कर रहे हैं। सर्वे के लिए ही 26 अक्टूबर को
शिक्षकों को तहसीलदार कार्यालय से सामान उठाना था, लेकिन शिक्षक ने इसका
बहिष्कार कर धरना शुरु कर दिया। अब पुलिस की कार्रवाई से शिक्षकों सहित सभी
कर्मचारियों में रोष फैल गया।
हिरासत की सूचना मिलते ही सर्व कर्मचारी
संघ के ब्लॉक प्रधान व अन्य पदाधिकारी भी थाने में पहुंच गए। शिक्षक
संगठनों के पदाधिकारियों सुरेश द्रविड़, भूपेंद्र सिंह, मामू राम सिरोही,
रामपाल, ओमप्रकाश, बसाऊ राम ने बताया कि वह शांतिप्रिय तरीके से धरना दे
रहे थे। प्रशासन शिक्षकों पर दबाव बनाने के लिए दमनकारी नीति अपना रहा है।
अब सभी शिक्षक संघ और कर्मचारी यूनियन इसके खिलाफ आंदोलन खड़ा करेगी।
रविवार को गुहला में बैठक कर पुलिस की इस कार्रवाई पर विचार विमर्श किया
जाएगा।
"जन सेवा सर्वे में ड्यूटी लगाना या हटाना उपायुक्त महोदया के अधिकार
क्षेत्र में हैं। कुछ शिक्षक तहसील कार्यालय के सामने धरने प्रदर्शन कर
माहौल खराब कर रहे हैं। धरने पर बैठे शिक्षकों को हटाने के लिए ही पुलिस को
शिकायत दी गई थी।"-- जगदीश चंद्र, तहसीलदार गुहला।
"तहसीलदार जगदीश चंद्र की
शिकायत के बाद यह कार्रवाई की गई है। शिक्षकों को गिरफ्तार करने से पहले
समझाने का प्रयास किया गया, लेकिन नहीं माने तो गिरफ्तार करना पड। शिक्षकों
के खिलाफ सरकारी काम में बाधा डालने का मामला दर्ज किया गया है।"-- सत प्रकाश, एसएचओ गुहला।
सर्व कर्मचारी संघ बनाएगा आगे की रूपरेखा
सर्व
कर्मचारी संघ के गुहला के प्रधान धर्म संह नैन ने कहा कि शांतिप्रिय तरीके
से धरना दे रहे शिक्षकों को गिरफ्तार करना निंदनीय है। सरकार को इस प्रकार
की कार्रवाई के खिलाफ जल्द ही रणनीति बनाकर आंदोलन की घोषणा की जाएगी।
गुहला थाना के एसएचओ शिक्षक प्रदर्शन नहीं करेंगे यह गारंटी उनसे मांग रहा
थे। एसएचओ को यह मालूम होना चाहिए कि यह सिर्फ गुहला ब्लॉक का मामला नहीं
है। पूरे राज्य में इसका विरोध हो रहा है। जिले में 434 शिक्षकों में से
सिर्फ तीन शिक्षकों ने ही अब तक सर्वे के लिए पहुंचे सामान को उठाया है।
सरकार को शिक्षकों के विरोध को समझना होगा। उनका विरोध अपने लिए नहीं
सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों के लिए है। उन्होंने कहा कि यह सर्वे
करने से स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होगी, जिससे रिजल्ट खराब
आएगा।
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