कैथल : यहां स्थित राजकीय आइटीआइ (महिला विंग) में ड्राफ्ट मैन सिविल का
रिजल्ट लगातार खराब हो रहा था। छात्रओं की कमी समझ इसकी अनदेखी कर दी जा
रही थी। मगर, इस बार 20 में 15 छात्रएं फेल हो गईं तो अभिभावकों की चिंता
बढ़ी। पूछताछ में छात्रओं ने बताया कि अध्यापक अमरजीत सिंह उन्हें पढ़ाने
के बजाय स्वयं पढ़ता है। आखिर मामला उच्चाधिकारियों तक पहुंचा और जांच में
पता चला कि डीसी रेट पर नियुक्ति डीएमसी अनुदेशक छात्रओं के भविष्य के साथ
खिलवाड़ कर रहा था। पढ़ाने के साथ वह बतौर नियमित छात्र एचसीटीएम कॉलेज से
सिविल इंजीनियरिंग में एमटेक भी कर रहा था।
सीवन गांव के ओमप्रकाश ने इस
संबंध में सीएम विंडो पर शिकायत की थी। उन्होंने बताया कि गांव की कुछ
छात्रओं ने बताया कि अध्यापक उन्हें पढ़ाने के साथ खुद पढ़ाई भी करता है।
उन्होंने आरटीआइ लगाई तो पता चला कि अमरजीत आइटीआइ में डीसी रेट पर नौकरी
करने के साथ-साथ एचसीटीएम कॉलेज से नियमित रूप से सिविल इंजीनियरिंग से
एमटैक कर रहा है। सीएम विंडो पर शिकायत के बाद कौशल विकास एवं औद्योगिक
प्रशिक्षण विभाग के निदेशक ने राजकीय आइटीआइ महिला के प्रधानाचार्य सुखदेव
राज को इसकी जांच सौपी थी। प्रधानाचार्य की जांच में पता चला कि अमरजीत
एचसीटीएम कॉलेज का शैक्षणिक सत्र 2015-2017 एमटैक सिविल इंजीनियरिंग का
विद्यार्थी है। उन्होंने जांच रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को भेज दी है।
ओमप्रकाश का कहना कि डीएमसी अनुदेशक अमरजीत सिंह के खिलाफ धोखाधड़ी का
मामला दर्ज किया जाना चाहिए। अमरजीत ने दिसंबर 2013 में आइटीआइ ज्वाइन किया
था। 16 नवंबर 2016 को ड्यूटी में अनुशासनहीनता के चलते उसे सेवा से
निलंबित भी किया गया था। मुख्यमंत्री की सख्त हिदायत के बाद 11 जनवरी 2017
को दोबारा से उसे बहाल कर दिया गया था।
"जांच रिपोर्ट भेज दी है। निर्णय सरकार या निदेशालय को लेना है।"-- सुखदेव राज, प्रधानाचार्य राजकीय आइटीआइ महिला ¨वग कैथल।
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