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Friday, 27 October 2017

खुद का नाम तक नहीं लिख पाए बच्चे

** टीमों के अनुसार मासिक परीक्षा में दिए गए अंकों के मुताबिक भी नहीं मिले विद्यार्थी
** 115 स्कूलों के विद्यार्थी कमजोर मिले, 11 टीमों ने किया था जिले के प्राइमरी व मिडिल स्कूलों का सर्वे

** रिपोर्ट के मुताबिक इन स्कूलों में 60 फीसद विद्यार्थी कमजोर मिले हैं।फतेहाबाद : सरकार के लगातार प्रयास के बावजूद सरकारी स्कूलों से बेहतर परिणाम सामने नहीं आ रहे हैं। विद्यार्थियों का शैक्षणिक स्तर इतना कमजोर है कि वह खुद का नाम तक नहीं लिख पा रहे हैं। जिले के प्राइमरी व मिडिल स्कूलों का बुरा हाल है। विद्यार्थी जिस कक्षा में पढ़ रहा है उसे वहां तक का बेसिक ज्ञान तक नहीं है। जिले के पांच खंडों में 115 स्कूलों की स्थिति बेहद नाजुक है। इसका खुलासा पिछले दिनों विद्यार्थी गुणवत्ता एवं संवर्धन कार्यक्रम के तहत करवाए गए सर्वे में हुआ है। अगस्त माह में उपायुक्त के आदेश पर जिले के सभी स्कूलों में कक्षा तीन से पांच तथा छठी से आठवीं का पर्यवेक्षण 11 टीमों ने किया था। जिसमें हंिदूी, अंग्रेजी व गणित से संबंधित शैक्षणिक स्तर जांचा गया था। जिसकी रिपोर्ट अब प्रशासन को सौंपी गई है।
रिपोर्ट के मुताबिक इन स्कूलों में 60 फीसद विद्यार्थी कमजोर मिले हैं। यानि की तीसरी कक्षा के विद्यार्थी को जो ज्ञान होना चाहिए वह नहीं है। 
जिला प्रशासन ने जिला शिक्षा विभाग को स्कूलों में शैक्षणिक स्तर सुधारने के आदेश दिए हैं। जिला स्तर पर स्कूलों का निरीक्षण होने के बाद बाहर से आकर थर्ड पार्टी निरीक्षण करेगी। जिसके बाद जिले को सक्षम घोषित किया जाएगा।
"जिला उपायुक्त के आदेश पर जिले के प्राइमरी व अपर प्राइमरी स्कूलों का पर्यवेक्षण किया गया था, जिसमें करीब 115 स्कूलों के विद्यार्थियों का उपलब्धि स्तर कम मिला है। उपायुक्त व अतिरिक्त उपायुक्त ने पिछले दिनों सभी मुख्य शिक्षकों की मीटिंग लेकर शैक्षणिक स्तर सुधारने के निर्देश दिए हैं। हम भी इसी प्रयास में लगे हुए हैं। जल्द ही थर्ड पार्टी आकर स्कूलों का निरीक्षण करेगी।"-- दयानंद सिहाग, जिला शिक्षा अधिकारी फतेहाबाद
ये भी मिली खामियां 
स्कूलों में पर्यवेक्षण करने गई टीमों के अनुसार काफी स्कूल ऐसे हैं जिनमें सभी कक्षाओं के विद्यार्थी कमजोर पाए गए हैं। अधिकतर स्कूलों में अधिगम संवर्धन कार्यक्रम सुचारू रूप से नहीं चल रहा था और अध्यापक डायरी व पाठ योजना भी पूरी नहीं थी। अधिकतर स्कूलों में बच्चों के उपलब्धि स्तर में सुधार के लिए कोई विशेष उपचारात्मक प्रयास नहीं किए जा रहे हैं।
जाखल को बताया सक्षम 
उपायुक्त के आदेश पर बनाई गई टीमों ने खंड जाखल के स्कूलों को बेहतर बताया है। टीम के अनुसार यहां के स्कूलों के 80 फीसदी विद्यार्थियों को शैक्षणिक स्तर अच्छा रहा है।

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