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Friday, 27 October 2017

छात्रों का लर्निग लेवल जांचेगी सरकार

** सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले देशभर से 36 लाख व प्रदेश के 1 लाख विद्यार्थी होंगे शामिल
हिसार : सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों का लर्निंग लेवल सुधारने के लिए सरकार भी हरकत में आ गई है, और इस कड़ी में बड़े स्तर पर कुछ अनूठे कदम उठाए जा रहे हैं, ताकि प्रदेश का ही नहीं अपितु पूरे देश के सरकारी स्कूलों में शिक्षा स्तर को सुधारा जा सके। इसके लिए सरकार ने तीन कक्षाओं के 36 लाख विद्यार्थियों का चयन करने का मन बनाया है, जिनके लर्निंग लेवल को परखा जाएगा। इसके लिए बड़े स्तर पर एक परीक्षा लेने का फैसला लिया है, जिनमें तीसरी, पांचवी और आठवीं कक्षा के ही विद्यार्थियों का शामिल किया जाएगा। फायदा यह होगा कि प्रत्येक राज्य के सरकारी स्कूलों का आकलन हो जाएगा कि वे देश में कौन से पायदान पर हैं। सबसे बड़ी खास बात यह है कि इस परीक्षा से यह भी स्पष्ट हो जाएगा कि देशभर के विद्यार्थियों के सामने हरियाणा के होनहार कहां टिकते हैं। इसके लिए सरकार ने हर राज्य के संबंधित अधिकारियों को निर्देश भी दे दिए हैं कि वे परीक्षा के लिए एफआई अर्थात फील्ड इन्वेस्टिगेटर पद पर अंडर ट्रेनिंग शिक्षकों का चयन करें, जोकि परीक्षा केंद्रों की कमान संभालेंगे। सरकार ने 13 नवंबर को यह परीक्षा लेने को आदेश दे दिए गए हैं। 
देश के 705 जिलों के विद्यार्थी देंगे परीक्षा : 
सरकार ने इस परीक्षा के लिए देश भर के 705 जिलों का चयन किया है, जिनमें सरकारी स्कूलों के कुल 36 लाख विद्यार्थी परीक्षा में बैठेंगे। हर राज्य से एक लाख विद्यार्थी परीक्षा देंगे। हिसार जिले की बात की जाए तो कुल 173 स्कूलों का चयन किया जाएगा, जिनका सरकार लर्निंग लेवल परखने जा रही है। जिले में कुल 285 अंडर ट्रेनिंग शिक्षकों को एफआई के पद पर नियुक्त करने के आदेश भी दे दिए है। ये सभी शिक्षक डीएड कोर्सिंग स्तर के होंगे, जिन्हें नेशनल स्किल क्यूलिटिटेव फ्रेमवर्क के होंगे। 10 नंवबर को ये एफआई अपने अधीनस्थ क्षेत्रों के स्कूलों में जाकर परीक्षा की तैयारी करेंगे।
प्रश्नों की संख्या :  
तीसरी कक्षा में - 45, 
पांचवीं कक्षा में - 45, 
आठवीं कक्षा में - 60 
प्रत्येक स्कूल से लिए जाएंगे 30 विद्यार्थी 
इस परीक्षा में प्रत्येक स्कूल के तीस विद्यार्थियों का चयन किया जाएगा। इसके लिए कुछ मापदंड बनाए गए हैं, जिनके स्तर पर विद्यार्थियों की जांच की जाएगी। अगर किसी भी कक्षा में 50 विद्यार्थी होंगे तो उनमें से भी 30 विद्यार्थी ही लिए जाएंगे। अगर किसी कक्षा में पांच छात्र हैं तो दूसरी अन्य दोनों कक्षाओं के छात्रों को जोड़ लिया जाएगा। अगर किसी कक्षा में तीन ही विद्यार्थी होंगे तो उस स्कूल को परीक्षा की दौड़ से हटा दिया जाएगा।
पिछली कक्षा के टेस्ट से जानेंगे योग्यता 
सरकार ने तीसरी कक्षा के विद्यार्थियों के लिए दूसरी कक्षा, पांचवीं के लिए चौथी और आठवीं के लिए सातवीं कक्षा की परीक्षा लेने का फैसला लिया है। अर्थात विद्यार्थी अपनी पिछली कक्षा की परीक्षा देंगे। ताकी विद्यार्थियों का लर्निंग लेवल की अच्छी ढंग से जांच हो सकें। तो दूसरा यह भी स्पष्ट हो जाएगा कि क्या विद्यार्थी अगली कक्षा में बैठने की योग्यता रखता है या फिर नहीं। हर विद्यार्थी को ओएमआर शीट दी जाएगी, जिसमें हर प्रश्न के चार विकल्प होंगे, जिनमें से विद्यार्थी को सही उत्तर का चयन करना होगा।
"सरकार ने देश के 36 लाख विद्यार्थियों लर्निंग लेवल परखने का फैसला लिया है, जिनमें हरियाणा के एक लाख विद्यार्थी परीक्षा में बैठेंगे। इससे बड़ा फायदा यह होगा कि देश भर के विद्यार्थियों में हरियाणा के होनहारों का पता लग पाएगा कि वे कौन से पायदान पर हैं।"-- देवेंद्र, जिला प्रोजेक्ट को-ओर्डिनेटर, शिक्षा विभाग

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