धनबाद : सीबीएसई का नया फैसला फेल होने वाले हजारों छात्रों को राहत
देनेवाला है। सीबीएसई के हालिया निर्देश के अनुसार यदि कोई छात्र 10वीं और
12वीं में फेल हो गया है, तो वह दुबारा एक रेगुलर छात्र के तौर पर परीक्षा
दे सकता है। विद्यार्थी चाहे तो अपने ही स्कूल में या बोर्ड से मान्यता
प्राप्त किसी अन्य स्कूल में एडमिशन ले सकता है। इस संबंध में सीबीएसई ने
अपने संबद्ध स्कूलों को सकरुलर जारी किया है।1इसमें कहा गया है कि ऐसे
छात्र जो 2017 में 10वीं और 12वीं में फेल हो गए थे, वे इस वर्ष रेगुलर
अभ्यर्थी के रूप में बोर्ड से मान्यता प्राप्त किसी भी स्कूल में नया
एडमिशन ले सकते हैं। हालांकि स्कूलों में ऐसे छात्रों का प्रवेश सीट की
उपलब्धता पर निर्भर करेगा और स्कूल इसपर अंतिम फैसला लेने के लिए स्वतंत्र
होंगे। अभी तक फेल छात्र सिर्फ प्राइवेट छात्र के तौर पर ही बोर्ड परीक्षा
देते आए हैं। सीबीएसई इस बार 2018 में होने वाली बोर्ड परीक्षा एक माह में
ही संपन्न कराएगा। अमूमन परीक्षा खत्म होने में डेढ़ से दो माह का समय लग
जाता था। सीबीएसई के डिस्टिक्ट को ऑर्डिनेटर टीके सिन्हा के अनुसार इसी
सत्र से बोर्ड ने 10वीं बोर्ड परीक्षा का नया खाका तैयार किया है। मार्च,
2018 में होनेवाली 10वीं बोर्ड परीक्षा के प्रत्येक विषय में 80 अंकों की
लिखित परीक्षा और 20 अंक आंतरिक मूल्यांकन के होंगे।
सीबीएसई 10वीं में
थ्योरी और इंटरनल असेसमेंट दोनों में पास होना जरूरी
पटना : सीबीएसई की
10वीं परीक्षा में सफल होने के लिए थ्योरी और इंटरनल असेसमेंट दोनों में 33
फीसद अंक लाने होंगे। किसी एक में 33 फीसद से कम अंक प्राप्त करने पर
छात्र फेल घोषित किए जाएंगे। पहले थ्योरी और इंटरनल असेसमेंट के कुल मिलाकर
33 फीसद पर उत्तीर्णता निर्धारित की जाती थी। अब थ्योरी के अंक 90 की बजाय
80 तथा इंटरनल असेसमेंट के अंक 10 की बजाय 20 होंगे। थ्योरी में भी 12 अंक
के प्रैक्टिकल बेस्ड प्रश्न होंगे।
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