सिरसा : जिले में इस बार पराली जलाए जाने से रोकने का दायित्व गुरुजी के
कंधों पर रहेगा। कंट्रोल रूम में प्रतिदिन अलग-अलग अध्यापकों की ड्यूटी
रहेगी जो 24 घंटे तैनात रहेंगे और कंट्रोल रूम पर आने वाली हर कॉल को
सुनेंगे। डबवाली के तहसीलदार की ओर से जारी पत्र का शिक्षा विभाग के
अधिकारियों ने यह कहते हुए विरोध कर दिया है कि स्कूलों में पहले ही
अध्यापक कम है और वे ड्यूटी के लिए अध्यापक उपलब्ध नहीं करवा
पाएंगे।
डबवाली के तहसीलदार की ओर से पत्र क्रमांक 920 के तहत एक आदेश जारी
कर दिया जिसमें प्रतिदिन तीन अध्यापकों को नियंत्रण कक्ष के टेलीफोन पर
डयूटी देनी होगी जो तहसील कार्यालय डबवाली में लगा है। इस पत्र में समय
अनुसार अलग-अलग शिक्षकों की ड्यूटी निर्धारित कर दी गई है और बताया गया है
कि डबवाली में खेतों में पराली जलाने से रोकने के लिए नियंत्रण कक्ष
स्थापित किया गया है।
"मेरे संज्ञान में शिक्षकों की डयूटी कंट्रोल रूम में
लगाए जाने संबंधी पत्र की नहीं है। ऐसा किया गया है तो ये आदेश पूरी तरह
गलत हैं। संबंधित अधिकारी को इस संबंध में पत्र भेज दिया जाएगा। हमारे पास
तो पहले ही अध्यापकों की कमी है। कक्षाएं लगाए जाने के लिए कई स्कूलों में
अध्यापक नहीं हैं। इधर-उधर से काम चला रहे हैं।"-- डा. यज्ञदत्त वर्मा, डीईओ, सिरसा।
"इन अध्यापकों की डयूटी बाढ़ नियंत्रण कक्ष
में लगाई हुई थी। अब इन्हें पराली जलाए जाने संबंधी कंट्रोल रूप पर ही
डयूटी दी गई है। 31 दिसंबर तक डयूटी लगी है। वैसे तो हमारे पास पटवारी व
पंचायत सचिव हैं जो हमें सूचित करेंगे। फिर भी कोई हमें लैंड लाइन टेलीफोन
नंबर 01668-230035 पर सूचित कर सकता है।"-- विजय मोहन स्याल, तहसीलदार,
डबवाली
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