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Wednesday, 18 October 2017

गुरुजी पहले खुद समझेंगे सिलेबस, फिर कराएंगे तैयारी

** पुलिस प्रशासन की ओर से होने वाली सड़क सुरक्षा प्रतियोगिता में इस बार मुश्किल पाठ्यक्रम
** 8 नवंबर को शुरू होगा प्रतियोगिता का पहला चरण
रोहतक : पुलिस की ओर से सड़क सुरक्षा का जो पाठ पढ़ाया जा रहा है। वह इतना आसान नहीं है कि जल्द ही विद्यार्थियों को समझ सके। उस पाठ्यक्रम को पहले गुरुजनों को पढ़ना होगा। इसके बाद भी वे इस बारे में अपने शिष्यों को सुरक्षा का पाठ पढ़ा सकेंगे। अगर पुलिस अधिकारियों की मानें तो जो पाठ्यक्रम सड़क सुरक्षा परीक्षा का है वो इतना कठिन है इस परीक्षा में आईपीएस रैंक के अधिकारी भी सही अंक लेने में सक्षम नहीं हो पाए थे। इसी के चलते मंगलवार को विकास भवन सभागार में जिले के सभी स्कूल प्राचार्यों के साथ सड़क सुरक्षा सप्ताह को लेकर बैठक की जिसमें जिले के सभी स्कूल प्राचार्यों को निर्देश दिए है कि उनको जितनी बुकों की जरूरत है। उसकी सूची एसपी कार्यालय में जमा करवा दें। स्कूल स्टाफ को पहले खुद ही पाठ्यक्रम को खुद समझना होगा। इसके बाद भी वे विद्यार्थियों को पढ़ा पाएंगे। इसके बिना छात्र परीक्षा में सही अंक लेने में सफल नहीं हो पाएंगे। 
चारलेवल में होगी सड़क सुरक्षा परीक्षा 
सड़कसुरक्षा प्रतियोगिता में इस बार बदलाव किया गया है। पिछले साल की प्रतियोगिता में स्थान हासिल करने वाले छात्र इस बार प्रतियोगिता का आयोजन में हिस्सा नहीं लेंगे। ब्लाक स्तर पर शहरी ग्रामीण स्कूलों की अलग- अलग प्रतियोगिता होंगी। पहला चरण 8 नवंबर को होगा। जिसमें स्कूल स्तर पर चार लेवल में प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी। प्रथम लेवल में कक्षा तीसरी से 5वीं के सभी विद्यार्थी हिस्सा ले सकते हैं। दूसरा लेवल कक्षा 6ठीं से 8वीं, तीसरा लेवल कक्षा 9वीं से 12वीं तक है। चौथा लेवल कॉलेज लेवल है जिसमें कॉलेज यूनिवर्सिटी के छात्र हिस्सा लेंगे। प्रथम चरण ओपन बुक है जिसमें बुक के साथ प्रतिभागी हिस्सा लेंगे। ब्लाक स्तर पर लिखित परीक्षा होगी। जिसमें प्रत्येक स्कूल से अलग-अलग लेवल के कुल 18 छात्र हिस्सा लेंगे। तीसरा चरण जिला स्तर होगा जिसमें क्विज कम्पीटिशन होगा। चौथा चरण रेज स्तर होगा। जिसमें प्रत्येक जिला से 6 टीमें हिस्सा लेगी। अंतिम स्तर राज्य स्तर होगा जिसमें रेंज स्तर की विजेता टीमें हिस्सा लेंगी। 
"सड़क सुरक्षा प्रतियोगिता की किताब को सबसे पहले प्राचार्य अध्यापक स्वयं पढ़े। आप सभी अपने आपको छात्रों के सामने एक रोल मॉडल के रुप में पेश करें। वाहन चलाते समय यातायात नियमों का पालन करें। पुलिस का मकसद है कि हमारे देश के बच्चों नागरिकों का खून सड़क पर बहे। पूरे विश्व में होने वाली मौत का तीसरा सबसे बड़ा कारण सड़क दुर्घटना है। जिले में हत्या से 5 गुणा ज्यादा मौतें सड़क दुर्घटनाओं में होती है।"--  पंकजनैन , पुलिस अधीक्षक रोहतक 
 

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