जमशेदपुर : सीबीएसई ने स्कूलों की मनमानी पर नकेल कसने की तैयारी कर ली है।
इसके तहत स्कूलों का एक्रीडिटेशन (प्रमाणन) किया जाएगा। यह एक्रीडिटेशन इस
मायने में खास होगा कि स्कूलों को बेहतर ग्रेड पाने के लिए काफी मशक्कत
करनी होगी। बोर्ड उन्हीं स्कूलों को एक्रीडिटेशन में बेहतर ग्रेड प्रदान
करेगा, जो निर्धारित मानकों पर खरा उतरेंगे। यह एक्रीडिटेशन नैक(नेशनल
एसेसमेंट एंड एक्रीडिटेशन काउंसिल) की तरह ही होगा। अब तक तमाम निजी स्कूल
बेहतर शिक्षा, शिक्षक व सुविधाओं के नाम पर अभिभावकों की जेब हल्की करते
रहे हैं। हर साल स्कूलों द्वारा शुल्क में बढ़ोतरी की जाती है। साथ ही
सालाना शुल्क के नाम पर भी हजारों रुपये वसूले जाते हैं। हालांकि री-एडमिशन
के नाम पर स्कूलों के शुल्क लेने पर रोक है।
स्कूलों की कैंटीन और आसपास नहीं मिलेगा फास्ट फूड:
रांची : स्वस्थ शरीर
में स्वस्थ मन का वास होता है। बच्चे स्वस्थ व तंदुरुस्त रहेंगे, तो पढ़ाई
में अधिक मन लगाएंगे। इसी बात का ध्यान रखते हुए सीबीएसई ने सभी स्कूलों से
कैंपस के भीतर कैंटीन में फास्ट फूड उपलब्ध नहीं कराने का निर्देश दिया
है। स्कूल कैंपस के 200 मीटर के दायरे तक किसी तरह के फास्ट फूड की दुकानें
नहीं लगाने का भी निर्देश दिया गया है।
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