पानीपत : निजी सरकारी स्कूल अब निजी प्रकाशकों की
पुस्तकें नहीं पढ़ा सकेंगे। ऐसा करते पाए जाने पर एक लाख रुपए जुर्माना
होगा। अब नौवीं से 12वीं तक बोर्ड की निर्धारित पाठ्यक्रम नेशनल काउंसिल ऑफ
एजुकेशन रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एनसीईआरटी) की पुस्तकों से ही अध्ययन कराया
जाएगा।
हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड भिवानी ने सर्कुलर जारी कर
स्कूलों के प्रिंसिपल, मुख्याध्यापक, प्रदेश सरकार से सहायता प्राप्त,
मान्यता प्राप्त वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों को पत्र भी भेज दिया है। भिवानी
बोर्ड के सचिव द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि जिन विद्यालयों में निजी
प्रकाशकों की पुस्तकों द्वारा अध्ययन कराया जा रहा है, उसे बंद कराएं।
शिक्षा विभाग के बीईओ सतपाल सिंह ने बताया किस्कूलों में औचक निरीक्षण किए
जाएंगे। जांच में कोई स्कूल निजी प्रकाशकों की पुस्तकों से पढ़ाई करवाते
पाया गया तो संबंधित स्कूल पर एक लाख रुपए जुर्माना होगा। विभाग के पास
ऐसेे स्कूल के खिलाफ रिपोर्ट बनाकर भेजा जाएगा।
मई-2017 में अध्ययन में सामने आई थी गड़बड़
गवर्नमेंटमॉडल सीसे स्कूल पानीपत के प्रिंसिपल नरेश अरोड़ा ने बताया कि शिक्षा विभाग ने मई 2017 में सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त गैर सरकारी स्कूलों का अध्ययन कराया था। बोर्ड की गठित उड़नदस्तों की टीमों ने पाया था कि स्कूलों में बोर्ड की पुस्तकों की बजाय निजी प्रकाशकों की पुस्तकों से पढ़ाई करवाई जा रही थी। इन पुस्तकों के माध्यम से निजी प्रकाशक अभिभावकों से मनमाने रेट वसूलते हैं।
गवर्नमेंटमॉडल सीसे स्कूल पानीपत के प्रिंसिपल नरेश अरोड़ा ने बताया कि शिक्षा विभाग ने मई 2017 में सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त गैर सरकारी स्कूलों का अध्ययन कराया था। बोर्ड की गठित उड़नदस्तों की टीमों ने पाया था कि स्कूलों में बोर्ड की पुस्तकों की बजाय निजी प्रकाशकों की पुस्तकों से पढ़ाई करवाई जा रही थी। इन पुस्तकों के माध्यम से निजी प्रकाशक अभिभावकों से मनमाने रेट वसूलते हैं।
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.