** साइंस और इंग्लिश में भी लड़खड़ा रहा विद्यार्थियों का भविष्य
अंबाला शहर : सरकारी स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को बढ़ावा देने के
लिए शनिवार को दूसरे दिन भी अधिकारियों ने विभिन्न स्कूलों का निरीक्षण
किया और उनमें शिक्षकों के अध्यापन कार्यो का पर्यवेक्षण, कक्षा अनुरूप
विद्यार्थियों के लर्निंग लेवल व जिज्ञासु प्रवृति को जाना। इसी आधार पर
स्कूल के मानक स्तर की रिपोर्ट बनाकर विभाग के उच्च अधिकारियों को भेजी। दो
दिनों के इस निरीक्षण ने स्कूलों की पोल खोल दी। क्योंकि 9वीं कक्षा का
अर्धवार्षिक लगभग सभी स्कूलों को बेहद खराब है।
शुक्रवार को नन्यौला
स्कूल में नौवीं कक्षा का मैथ का जहां 2 फीसदी पाया गया था वहीं अन्य सभी
विषयों का भी बेहद खराब था। शनिवार को उन्होंने अंबाला शहर सीमा के
अंतर्गत आने वाले सबसे अंतिम स्कूल छपरा का निरीक्षण किया। निरीक्षण में
स्कूल में नौंवी का अर्धवार्षिक कक्षाओं का मैथ का 7 फीसदी पाया गया।
इसी
तरह साइंस का 13 और इंग्लिश का मात्र 24 फीसदी रहा। इसी तरह स्कूल में
छठी कक्षा में भी मैथ का महज 11 और सातवीं का 25 फीसदी मिला। हालांकि अन्य
कक्षाओं व विषयों का संतोषजनक या 50 फीसदी से अधिक था। शैक्षणिक निरीक्षण
के अंतिम दिन जिलेभर के सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों को स्वच्छता की
शपथ दिलाई गई।
वर्दी और मिड-डे मील में नहीं मिली खामियां
खंड शिक्षा
अधिकारी ने देखा कि सभी विद्यार्थी साफ़ सुथरी वर्दी में आए हुए थे।
विद्यालय में पीने के पानी, शौचालयों, मिड डे मील व कंप्यूटर लैब की
व्यवस्था ठीक पाई गई। शिक्षकों व विद्यार्थियों को सक्षम हरियाणा बारे कुछ
जरूरी दिशा-निर्देश देते हुए खंड शिक्षा अधिकारी ने कहा कि सरकार का लक्ष्य
सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले प्रत्येक विद्यार्थी के लर्निंग लेवल आउटकम
को 80 प्रतिशत तक पहुंचाना है।
शिक्षकों की कमी हुई उजागर
निरीक्षण के दौरान
खुलासा हुआ हाई स्कूल दो-दो शिक्षकों के सहारे चल रहे हैं। कई स्कूल तो
ऐसे हैं जिनमें एक ही पीजीटी शिक्षक है। जबकि जरूरत चार या पांच पीजीटी की
है।
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