अम्बाला सिटी : स्कूलों में सेशन बीतने में कुछ माह का
समय ही बचा है। बीते हुए जून-जुलाई में भरवाई जानी वाली सेल्फ अप्रेजल
रिपोर्ट .एपीआर. एक साल बीतने के बाद भी अभी तक नहीं भरवाई गई जिससे टीचर्स
में रोष है। हैरानी की बात है कि अभी तक टीचर्स को सेल्फ अप्रेजल रिपोर्ट
भरने को लेकर विभागीय अधिकारियों द्वारा कोई दिशा-निर्देश नहीं मिला है
जिससे लगातार रिपोर्ट का टाइम बीत रहा है। न तो विभाग ने रिपोर्ट भरवाने में
गंभीरता दिखाई और ही किसी एसोसिएशन ने इस मुद्दे को उठाया। ऐसे में विभागीय
अधिकारियों की लापरवाही साफ दिखाई देती है।इसलिए भरनी जरूरी होती है
सेल्फ अप्रेजल रिपोर्ट
पहले एसीआर अब सेल्फ अप्रेजल रिपोर्ट सभी टीचर्स
कर्मचारियों की भरी जाती है। इस रिपोर्ट को भरने में टीचर्स की संख्या
ज्यादा है। पूरा सेशन निकलने के बाद भी सेल्फ अप्रेजल रिपोर्ट नहीं भरी गई।
यह रिपोर्ट भरकर कर्मचारी अपनी अधिकारियों को जमा करवाते हैं। रिपोर्ट में
कर्मचारियों को अपने पूरा साल में किए गए कार्यों और रिजल्ट की जानकारी
भरनी होती है जिसके बाद उन्हें ग्रेडिंग दी जाती है। यह ग्रेडिंग प्रमोशन
के दौरान टीचर्स कर्मचारी की सहायता करती है। सौ में से 70 प्रतिशत एसीआर
कर्मचारी की ठीक होनी चाहिए, तभी उस कर्मचारी को सेल्फ अप्रेजल रिपोर्ट का
फायदा मिलता है।
"सेल्फ अप्रेजल रिपोर्ट अभी नहीं भरी गई है। रिपोर्ट
भरने को लेकर डायरेक्टर को पत्र लिखा गया है। टीचर्स अन्य कर्मचारियों को
खुद ही रिपोर्ट भरकर जमा करवानी होती है। 100 में से 70 प्रतिशत एसीआर ठीक
होना जरूरी है तभी उसका लाभ मिलता है।"-- उमाशर्मा, डीईओ, अम्बाला।
टीचर्स को इस तरफ भी ध्यान देने की जरूरत
अबकीबार
विभाग द्वारा किसी भी कर्मचारी को सेल्फ अप्रेजल रिपोर्ट भरने के लिए कोई
प्रोफार्मा नहीं दिया गया है, बल्कि कर्मचारी को खुद ही प्रोफार्मा भरना
होगा। जेबीटी की प्रिंसिपल, सीएडंवी टीचर्स की डीईईआे और प्रिंसिपल की
बीईओ, बीईओ और डीईओ की डायरेक्टर स्तर पर रिपोर्ट चेक होती है। रिपोर्ट ठीक
होने पर ही प्रमोशन और अन्य बेनीफिट मिलते हैं। कई अन्य जिलों में
प्रोफार्मा भरकर भी जमा करवाए जा चुके हैं।
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