जींद : साक्षर मिशन के तहत प्रदेश के 10 जिलों के लोक शिक्षा केंद्रों में भेजे गए
सामान में भारी गोलमाल का अंदेशा सामने आया है। इन सेंटरों को सामान तो
करोड़ों रुपये का भेजा गया, लेकिन सेंटरों पर यह सामान मात्र कुछ रुपयों का
ही पहुंचा है। यह सारा खुलासा अखिल भारतीय जाट महासभा के जिला प्रधान
विकास सफाखेड़ी द्वारा सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत मांगी गई जानकारी के
तहत हुआ है। विकास सफाखेड़ी ने कहा कि उन्होंने सूचना के अधिकार अधिनियम
के तहत यह जानकारी मांगी थी कि हरियाणा के करनाल, कैथल, जींद, हिसार,
फतेहाबाद, भिवानी, फरीदाबाद, गुडग़ांव, सिरसा व महेंद्रगढ़ में साक्षर भारत
मिशन का अगस्त 2012 से सितंबर 2017 तक का कुल कितना फंड था। इसके साथ ही हर
जिले का भी अलग-अलग व किस कार्य में कितना प्रयोग किया गया, इसकी जानकारी
दी जाए। लोक शिक्षा केंद्रों पर कौन सा सामान पहुंचाया गया और उसकी सूची और
एक लोक शिक्षा केंद्र में कितना व कौन सा सामान पहुंचाया गया, की जानकारी
दी जाए। इस सूची पर कौन से अधिकारी की रिसीविंग ली गई। सामान पर ढुलाई खर्च
का ब्यौरा दिया जाए। सामान कौन सी एजेंसी से खरीदा गया व कितने रुपये का
खरीदा गया कि जानकारी दी जाए। उन्होंने बताया कि सूचना के अधिकार के तहत
मिली जानकारी में खुलासा हुआ कि जो सामान लोक शिक्षा केंद्रों में भेजा
जाना था वो पूरा ना भेज कर मात्र कुछ चीजों तक ही सिमट गया। लोक शिक्षा
केंद्रों में मात्र कुछ ही सामान भेजा गया। उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए
कि मामले की निष्पक्षता से जांच करवा कर दोषी लोगों के खिलाफ सख्त
कार्रवाई अमल में लाई जानी चाहिए।
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