चंडीगढ़ : स्कूल लेक्चरर एसोसिएशन, हरियाणा की
मांगों को पूरा करने के लिए प्रदेश सरकार ने चार सदस्यीय कमेटी का गठन किया
है। सेकेंडरी स्कूल शिक्षा विभाग के निदेशक की अध्यक्षता में गठित की गई
इस कमेटी में एलीमेंटरी एजुकेशन के निदेशक, स्टेट प्रोजेक्ट डायरेक्टर
(एसपीडी) और चीफ अकाउंट ऑफिसर को सदस्य बनाया गया है। यह कमेटी एक महीने
में अपनी रिपोर्ट देगी।
एसोसिएशन का एक शिष्टमंडल मंगलवार को चंडीगढ़ में स्कूल शिक्षा विभाग के
अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ़ केके खंडेलवाल से मिला। मुलाकात करने वालों में
एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष आरके शर्मा, प्रवक्ता अशोक शर्मा, सोनीपत के
जिलाध्यक्ष महावीर सिंह, संजय गौतम व हरीश कुमार मुख्य रूप से शामिल रहे।
खंडेलवाल ने एसोसिएशन की मांगों को सुनने के बाद मौके पर ही कमेटी गठित
करने के आदेश दिए।
एसोसिएशन ने शिक्षा विभाग में कार्यरत नॉन-एचटीईटी व नॉन-बीएड शिक्षकों को एचटीईटी परीक्षा पास करने के लिए 2024 तक मौका दिए जाने की मांग की। साथ ही, सर्विस में रहते हुए बीएड करने का रास्ता निकालने की भी मांग रखी। इसी तरह से तबादलों से प्रभावित शिक्षकों की समस्याओं को दूर करने, पीजीटी की जगह लेक्चरर (स्कूल काडर) पदनाम करने व सभी वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों में उप-प्राचार्य के पद सृजित करने की मांग की गई है।
ज्ञापन में पहली जनवरी, 2006 से 18750 पे-स्केल का लाभ देने, लेक्चरर से प्राचार्य की पदोन्नति हर वर्ष एक निश्चित समय में करने, कॉलेज लेक्चरर की योग्यता रखने वाले शिक्षकों को प्रमोट करने, एसीपी का सरलीकरण, पहली से आठवीं व नौंवीं से 12वीं के दो ही तरह के स्कूल करने, 35 बच्चों पर सैक्शन निर्धारित करने, सभी शिक्षकों को कैशलेस मेडिकल सुविधा देने, शिक्षकों से केवल पढ़ाई का कार्य लेने, पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने और उच्च विद्यालयों से सभी लेक्चरर को वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों में स्थानांतरित किए जाने की मांग की गई है।
एसोसिएशन ने शिक्षा विभाग में कार्यरत नॉन-एचटीईटी व नॉन-बीएड शिक्षकों को एचटीईटी परीक्षा पास करने के लिए 2024 तक मौका दिए जाने की मांग की। साथ ही, सर्विस में रहते हुए बीएड करने का रास्ता निकालने की भी मांग रखी। इसी तरह से तबादलों से प्रभावित शिक्षकों की समस्याओं को दूर करने, पीजीटी की जगह लेक्चरर (स्कूल काडर) पदनाम करने व सभी वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों में उप-प्राचार्य के पद सृजित करने की मांग की गई है।
ज्ञापन में पहली जनवरी, 2006 से 18750 पे-स्केल का लाभ देने, लेक्चरर से प्राचार्य की पदोन्नति हर वर्ष एक निश्चित समय में करने, कॉलेज लेक्चरर की योग्यता रखने वाले शिक्षकों को प्रमोट करने, एसीपी का सरलीकरण, पहली से आठवीं व नौंवीं से 12वीं के दो ही तरह के स्कूल करने, 35 बच्चों पर सैक्शन निर्धारित करने, सभी शिक्षकों को कैशलेस मेडिकल सुविधा देने, शिक्षकों से केवल पढ़ाई का कार्य लेने, पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने और उच्च विद्यालयों से सभी लेक्चरर को वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों में स्थानांतरित किए जाने की मांग की गई है।
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