इस दौरान
संस्थापक रणदीप लोचब चौधरीवास ने कंडेला में लोगों को संबोधित करते हुए कहा
कि आज प्रदेश का वार्षिक बजट एक लाख करोड़ रुपए है। परंतु इस बजट में
गरीबों, किसानों की हालात में सुधार नहीं हो रहा है। बजट का 42 प्रतिशत
अर्थात 42 हजार करोड़ रुपए केवल नौकरशाहों के वेतन, भत्ते, पेंशन पर खर्च
हो रहा है। 20 प्रतिशत खर्च शासन प्रशासन के रख-रखाव पर होता है। 18
प्रतिशत खर्च कर्जे चुकाने में चला जाता है। केवल 20 प्रतिशत धन ही प्रदेश
की ढाई करोड़ जनता के लिए बचता है। हर सरकार ने ढाई लाख नौकरशाहों, नेता
शाहों के लिए वेतन, भत्ते, पेंशन बढ़ाने पर खर्च किया है। उन्होंने कहा कि
प्रदेश के शिक्षित युवा बेरोजगार पांच हजार रुपए की नौकरी पाने के लिए
दर-दर भटक रहे हैं। सरकार को सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को नौकरियों
की मैरिट में 10 प्रतिशत अतिरिक्त अंक देने चाहिए। एक नौकरशाह दो लाख रुपए
वेतन ले रहा है, उसके परिवार को बीमारी के इलाज के लिए मुफ्त दवाइयां मुफ्त
इलाज की सुविधा प्राप्त है, लेकिन मध्यम वर्गीय परिवार पैसे के अभाव में
इलाज करवाने के कारण दर-दर भटक रहा है।
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