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Friday, 12 January 2018

रिपोर्ट : चार लाख पदों पर नौकरशाही की कुंडली


** केंद्र सरकार में खाली हैं 11 फीसद से अधिक पद, आयकर व रेलवे जैसे अहम विभागों में बड़ी संख्या में पद रिक्त

** 32.21 लाख पद ही भरे हुए हैं। इस तरह केंद्र सरकार में 11.36 फीसद पद खाली हैं।1
** 36.34 लाख पद 1 मार्च 2016 की स्थिति के अनुसार केंद्र सरकार में असैन्य कर्मचारियों के स्वीकृत हैं।

नई दिल्ली : सरकार जहां रोजगार सृजन के लिए उपाय करने में जुटी है, वहीं नौकरशाही के ढुलमुल रवैये के चलते केंद्र में ही लाखों पद खाली पड़े हैं। एक सरकारी के अनुसार, केंद्र सरकार में कर्मचारियों के चार लाख से ज्यादा पद खाली हैं। खास बात यह है कि ग्रुप ए के अधिकारी वर्ग में ही 15 हजार से अधिक पद रिक्त हैं।1वित्त मंत्रलय के व्यय विभाग की पे रिसर्च यूनिट की वेतन और भत्तों पर ताजा से इस बात का पता चला है। यह वित्त वर्ष 2016-17 से संबंधित है और इसे हाल ही में विभाग की वेबसाइट पर सार्वजनिक किया गया है। के अनुसार ग्रुप बी के अराजपत्रित 29.52 फीसद पद खाली हैं। ग्रुप बी राजपत्रित के 19.33 फीसद पद रिक्त पड़े हैं। वहीं ग्रुप ए के 13 फीसद पद खाली हैं। वैसे सबसे ज्यादा रिक्तियां ग्रुप सी में हैं। ग्रुप सी में 3.21 लाख पद खाली हैं। कन्फेडेरेशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट एम्प्लाइज एंड वर्कर के उपाध्यक्ष अशोक कनौजिया का कहना है कि आयकर और रेलवे जैसे अहम विभागों में बड़ी संख्या में पद खाली हैं। सवाल यह है कि जिस देश में करोड़ों युवा बेरोजगार हैं, वहां पर भर्तियां क्यों नहीं हो रही हैं? शीर्ष नौकरशाही के ढुलमुल रवैये के चलते ये रिक्तियां बढ़ती जा रही हैं। गौरतलब है कि बुधवार को नीति आयोग की ओर से बुलाई गई अर्थशास्त्रियों की बैठक में भी रोजगार सृजन के मुद्दे पर प्रमुखता से चर्चा हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठक में अर्थशास्त्रियों ने साफ कहा कि सरकार को रोजगार सृजन पर फोकस करना चाहिए। केंद्र सरकार में रिक्तियों के बारे में पूछे जाने पर नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने जवाब दिया कि इस संबंध में बैठक में कोई चर्चा नहीं हुई। 
खाली पदों को भरने की है जरूरत: 
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक फाइनेंस एंड पॉलिसी की अर्थशास्त्री राधिका पांडेय का कहना है कि सरकार रोजगार सृजन पर जोर दे रही है। इसलिए खाली पदों को प्राथमिकता के आधार पर भरने की जरूरत है।


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