नई दिल्ली:यूनिफार्म और लेखन सामग्री के लिए अब सरकारी स्कूलों में पढ़ने
वाले बच्चों को सरकारी अनुदान के लिए महीनों इंतजार नहीं करना पड़ेगा।
दिल्ली सरकार सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले 15 लाख से अधिक छात्र-छात्रओं
को रुपये देने के बजाए अब यूनिफार्म उपलब्ध कराएगी। यह जानकारी दिल्ली
सरकार ने मंगलवार को हाईकोर्ट में हलफनामा दायर कर दी। यूनिफार्म उपलब्ध
कराने की जिम्मेदारी दिल्ली पर्यटन और परिवहन विकास निगम (डीटीटीडीसी) की
होगी। अभी तक सरकार द्वारा छात्रों को यूनिफार्म, कॉपी-किताब व अन्य लेखन
सामग्री के पैसे दिए जाते थे। लेकिन, पैसे दिए जाने में देरी होने कारण यह
फैसला लिया गया है। 1न्यायमूर्ति एस. रविंद्र भट्ट व न्यायमूर्ति एके चावला
की पीठ के समक्ष उप शिक्षा निदेशक (योजना) केके सतीजा ने हलफनामा दायर
किया। इसमें उन्होंने बताया कि स्कूलों में नर्सरी से 12वीं कक्षा तक कुल
15.55 लाख छात्र-छात्रएं हैं। नर्सरी से 12वीं कक्षा तक के छात्रों को
यूनिफार्म मुहैया कराने पर 221 करोड़, नर्सरी से 8वीं कक्षा तक के छात्रों
को कॉपी-किताब और लेखन सामग्री मुहैया कराने पर 30.28 करोड़ और 9वीं से
12वीं कक्षा तक के छात्रों को किताब मुहैया कराने पर 54.62 करोड़ रुपये का
खर्च आता है। इस सत्र से यूनिफार्म के पैसे नहीं पूरी ड्रेस बनवाकर दी
जाएगी। एनजीओ जस्टिस फॉर ऑल की याचिका पर वकील खगेश झा का दावा है कि सरकार
हर साल शैक्षणिक सत्र शुरू होने के पांच से छह माह बीत जाने के बाद
छात्र-छात्रओं को कॉपी-किताब और अन्य लेखन सामग्री और यूनिफार्म के लिए
पैसे देती है। उन्होंने कहा था कि आधा से अधिक समय बीत जाने के बाद बच्चों
को कॉपी-किताब व लेखन सामग्री मिलती है। इससे उनकी पढ़ाई प्रभावित होती है।
.

Breaking News
News Update:
*** Supreme Court Dismissed SLP of 719 Guest Teachers of Haryana *** यूजीसी नहीं सीबीएसई आयोजित कराएगी नेट *** नौकरी या दाखिला, सत्यापित प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं *** डीडी पावर के लिए हाईकोर्ट पहुंचे मिडिल हेडमास्टर *** बच्चों को फेल न करने की पॉलिसी सही नहीं : शिक्षा मंत्री ***
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.