नई दिल्ली : कॉलेज प्रिंसिपल के पद पर नियुक्ति पाने वाले शिक्षकों को अब
कार्यकाल पूरा होने के बाद सम्मानजनक विदाई दी जाएगी। ऐसे शिक्षकों को
प्रिंसिपल के पद से हटने के बाद सीधे प्रोफेसर के पद पर पदोन्नति मिलेगी।
साथ ही कॉलेजों के प्रिंसिपल का अधिकतम कार्यकाल भी अब दस साल निश्चित कर
दिया गया है। पहले चरण में यह पांच साल का होगा, इसके बाद पांच साल का और
सेवा विस्तार दिया जा सकता है। मौजूदा समय में कॉलेज प्रिंसिपल का अधिकतम
कार्यकाल करीब 25 साल का है। कॉलेज प्रिंसिपल की नियुक्ति के नियमों में
बदलाव की यह सिफारिश यूजीसी की ओर से हिमाचल प्रदेश के पूर्व कुलपति
प्रोफेसर सुनील गुप्ता की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने की है। कमेटी ने
अपनी यह सिफारिश सरकार को सौंपी है। यूजीसी सूत्रों के मुताबिक, कॉलेज
प्रिंसिपल के पद पर नियुक्ति पाने वाले शिक्षकों के साथ मौजूदा समय में यह
एक बड़ी विसंगति थी। इसके तहत प्रिंसिपल पद का कार्यकाल पूरा होने के बाद
उन्हें अब तक उसी मूल कैडर में वापस भेज दिया जाता था, जहां से वह
प्रिंसिपल के पद पर जाते थे।
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