** सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में सिर्फ एक करोड़ का भुगतान, 32 करोड़
बैंकों में पड़े
** प्राथमिक स्कूलों के बच्चों को 2.86 करोड़ मिले,
सात करोड़ का भुगतान नहीं
चंडीगढ़ : सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे गरीब और मेधावी बच्चों को छात्रवृत्ति
पर अफसरों की सुस्ती भारी पड़ने लगी है। प्राइमरी स्कूलों में जहां
छात्रवृत्ति के लिए आवंटित आधी से अधिक राशि का भुगतान नहीं किया गया, वहीं
सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में सिर्फ नाममात्र की स्कॉलरशिप दी गई। इसके तहत
पिछले सत्र में प्राथमिक विद्यालयों के छात्रों को छात्रवृत्ति में कुल
2.86 करोड़ रुपये आवंटित किए गए, जबकि करीब सात करोड़ रुपये का भुगतान नहीं
हो पाया। सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में स्थिति ज्यादा निराशाजनक है। यहां
अध्ययनरत बच्चों के 32 करोड़ रुपये बैंकों में ही पड़े हैं, जबकि सिर्फ एक
करोड़ रुपये ही विद्यार्थियों को दिए गए।
समीक्षा बैठक में पिछले सत्र की
खामियां उजागर होने के बाद शिक्षा विभाग ने चालू सत्र में दी गई स्कॉलरशिप
की रिपोर्ट तलब करते हुए तमाम जानकारी पीएफएमएस (पब्लिक फाइनेंशियल
मैनेजमेंट सिस्टम) पर अपलोड करने का निर्देश दिया है। माध्यमिक शिक्षा
विभाग के निदेशक राजीव रत्न ने इस संबंध में प्राथमिक शिक्षा निदेशक, जिला
शिक्षा अधिकारियों और जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों के अलावा सभी संबंधित
पक्षों को लिखित आदेश जारी किया है।
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