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Wednesday 4 December 2013

अब तहसीलदार नहीं हेडमास्टर बनाएंगे रिहायशी और जाति प्रमाण पत्र

** राजकीय स्कूलों में नौंवी तक के विद्यार्थियों के लिए आसान होगी कागजी प्रक्रिया 
सिरसा : राजकीय स्कूलों में पढऩे वाले विद्यार्थियों को रिहायशी, आयु प्रमाण पत्र, अनुसूचित जाति एवं पिछड़े वर्गों के जाति प्रमाण पत्र बनाने के लिए अब तहसील कार्यालय के चक्कर नहीं काटने होंगे। स्कूलों में पहली से आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों को हेडमास्टर ही प्रमाण पत्र जारी करेंगे। न्यायालयों द्वारा दिए गए विभिन्न निर्णयों व व्यक्ति विशेष को प्रमाण पत्र प्राप्त करने में आ रही कठिनाइयों को ध्यान में रख कर नीति में बदलाव किया गया है। सरकार का विचार है कि बिना किसी उत्पीडऩ या शोषण के शीघ्र कार्य के निपटान के लिए उचित स्तर पर शक्तियां प्रदान की गई है। 
मुख्य सचिव ने जारी किए निर्देश: 
इसके लिए प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव ने सभी हरियाणा के सभी विभागाध्यक्ष, मंडलों के आयुक्त, रजिस्ट्रार पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय, रजिस्ट्रार एमडीयू विवि, रजिस्ट्रार सीडीएलयू, रजिस्ट्रार जीजेयू, रजिस्ट्रार केयूके को निर्देश जारी किए हैं।
चार से पांच दिन लगते हैं सर्टीफिकेट बनवाने में 
अलग-अलग योजनाओं के तहत नौवीं कक्षा तक विभिन्न लाभ प्राप्त करने के लिए अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग विद्यार्थियों जाति व रिहायशी प्रमाण पत्र बनाने के लिए कठिनाइयों से गुजरना पड़ता था। सबसे पहले विद्यार्थी गांव सरपंच व पटवारी से रिपोर्ट दर्ज करवाते थे। बाद में तहसीलदार से सत्यापन होने के बाद प्रमाण पत्र जारी किया जाता था। जिसके कारण विद्यार्थियों चार से पांच दिन लग जाते थे। इससे सरकारी कर्मचारियों के समक्ष भी समस्या आती थी। जाति प्रमाण पत्र जारी करने की वर्तमान प्रणाली को सुधारने के मद्देनजर सरकार ने ये निर्णय लिया है।
सरपंच, नंबरदार या पार्षद के सत्यापन से मिलेगा प्रमाण पत्र 
खंड शिक्षा अधिकारी आत्मप्रकाश मेहरा ने कहा कि स्कूलों में नौवीं कक्षा तक पढऩे वाले विद्यार्थियों को अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग से संबंधित विद्यार्थियों को सरपंच या नंबरदार या नगर पार्षद द्वारा सत्यापन करवाना होगा। इसके बाद स्कूल का मुख्याध्यापक प्रमाण पत्र जारी कर देगा। इस कार्य के लिए परिधि राजस्व अधिकारी द्वारा जारी प्रमाण पत्रों की मांग नहीं की जाएगी। सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी किया गया रिहायशी प्रमाण पत्र उस समय तक वैध रहेगा जब तक प्रमाण पत्र धारक अपना आवासीय पता बदल न ले। वही एक बार जारी हुआ अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र तब तक वैध रहेगा। जब तक संबंधित जाति को संविधान की अनुसूची से हटा नहीं दिया जाएगा।                 db

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