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Monday 2 December 2013

अब जुगाड़बाजी से नहीं हो सकेंगे परीक्षा में पास

** महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय प्रशासन ने दूरस्थ शिक्षा की परीक्षा प्रणाली में किया बदलाव
रोहतक : मदवि प्रशासन ने ए-ग्रेड की तर्ज पर शिक्षा के क्षेत्र में बदलाव शुरू कर दिए हैं। परीक्षा प्रणाली में सुधार करते हुए दूरस्थ शिक्षा विभाग में इंटर्नल एसेसमेंट को खत्म कर दिया है। अब विद्यार्थियों को परीक्षा में पास होने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी। पहले दूरस्थ व रेगुलर कोर्स में विद्यार्थी इंटर्नल एसेसमेंट (आंतरिक आकलन) के आधार पर परीक्षा में पास होने का जुगाड़ करवा लेते थे, क्योंकि थ्योरी व इंटर्नल एसेसमेंट के अंकों को मिलाकर पास होना अनिवार्य था। लेकिन अब भविष्य में प्रत्येक विद्यार्थियों को पेपर में किए प्रश्नों के आधार पर ही अंक मिलेंगे। जिससे परीक्षा में योग्य विद्यार्थी ही पास हो पाएंगे और जुगाड़ करने वाले विद्यार्थियों के लिए परीक्षा में पास होना टेढ़ी खीर साबित होगा। हालांकि नियमित कोर्स में इंटर्नल एसेसमेंट स्कीम है, लेकिन सिर्फ 20 अंक होने के कारण इसका विद्यार्थियों को ज्यादा लाभ नहीं होगा। विद्यार्थियों को इससे केवल अंकों की मेरिट में इजाफा हो सकता है।मदवि की परीक्षा प्रणाली के अनुसार पहले थ्योरी व इंटर्नल के अंकों के आधार पर विद्यार्थियों को पास किया जाता था। थ्योरी का पेपर 70 अंक और इंटर्नल एसेसमेंट 30 अंकों का था। दोनों के मिलाकर पास होने के लिए 35 अंक लेने जरूरी थे, चाहे थ्योरी में फेल भी क्यों न हो। हाल ही में दूरस्थ शिक्षा विभाग के परीक्षा परिणाम में कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनमें विद्यार्थी थ्योरी में फेल होने के बावजूद पास थे। प्रतिभावान विद्यार्थियों ने इसमें बदलाव की मांग भी की। मदवि प्रशासन शिक्षा स्तर में सुधार के लिए स्कीम में बदलाव करते हुए दूरस्थ शिक्षा विभाग में इंटर्नल एसेसमेंट को खत्म कर दिया है।
दूरस्थ परीक्षा प्रणाली में किया बदलाव : सिंधु
मदवि के परीक्षा नियंत्रक डॉ. बीएस सिंधु से जब इस बारे में बातचीत की तो उन्होंने बताया कि दूरस्थ शिक्षा विभाग की परीक्षा प्रणाली में बदलाव किया है। परीक्षा में इंटर्नल एसेसमेंट स्कीम को बंद कर दिया गया है। अब थ्योरी के आधार पर भी विद्यार्थियों को अनिवार्य पास अंक लेने होंगे। नियमित कोर्स में इंटर्नल एसेसमेंट 20 अंक की स्कीम फिलहाल जारी रहेगी।
दूरस्थ व नियमित के नियम अलग
मदवि में जहां दूरस्थ शिक्षा विभाग से पास होने के लिए विद्यार्थियों को 35 अंक लेने अनिवार्य है जबकि नियमित कोर्स में पास अंक की अनिवार्यता 40 है। इतना ही नहीं दूरस्थ में थ्योरी और इंटर्नल एसेसमेंट का रेशो 70-30 तथा नियमित में 80-20 का रहा है। ऐसे में नियमित कोर्स में तो विद्यार्थियों को पास होने में दिक्कत रहती है, लेकिन दूरस्थ में यह स्कीम विद्यार्थियों के लिए रामबाण का काम कर रही थी।                        dj 

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