चंडीगढ़ : प्रदेश के कच्चे कर्मचारियों के नियमित होने पर लगी रोक हटवाने
के लिए सरकार पर दबाव बढ़ गया है। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के अध्यक्ष
धर्मबीर फौगाट और महासचिव सुभाष लांबा ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल को पत्र
लिखकर हाईकोर्ट में कच्चे कर्मचारियों की दमदार पैरवी का आग्रह किया है।
बता दें कि प्रदेश में करीब 30 हजार कर्मचारी ऐसे हैं, जो अगले एक दो साल
में पक्के होने वाले थे, लेकिन पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की डबल बेंच ने
इस पर रोक लगा दी है। हाईकोर्ट के अंतरिम आदेशों से अब इन कर्मचारियों में
हड़कंप मचा हुआ है।
हाईकोर्ट के आदेश का उन पांच हजार कर्मचारियों पर भी
असर पड़ेगा जो 28 मई 2014 को नियमित हो चुके हैं। वहीं करीब डेढ़ हजार
कर्मचारी देर-सबेर पक्के होने वाले थे। सरकार ने 18 जून 2014 में कच्चे
कर्मचारियों को नियमित करने की अधिसूचना जारी की थी। योगेश त्यागी ने सरकार
की इस अधिसूचना को चुनौती दी थी, जिस पर दो सितंबर 2016 को हाईकोर्ट की
डबल बेंच ने अंतरिम आदेश जारी कर कच्चे कर्मचारियों को नियमित करने पर रोक
लगा दी। हाईकोर्ट के इस फैसले से वह कर्मचारी भी प्रभावित होंगे, जिनके 31
दिसंबर 2018 में 10 साल पूरे होने थे और वह पक्के होने वाले हैं। इनमें
करीब 14 हजार अतिथि अध्यापक, साढ़े तीन हजार बिजली कर्मचारी और 9 हजार
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के कर्मचारी शामिल हैं। हाईकोर्ट का फाइनल निर्णय
आने के बाद नियमित हो चुके कर्मचारियों को फिर से कच्चा माना जा सकता है।
सर्व कर्मचारी संघ के प्रधान धर्मबीर फौगाट और महासचिव सुभाष लांबा ने
मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में कहा कि 10 दिसंबर 2015 को इस मुद्दे पर सरकार
के साथ बातचीत हुई थी, लेकिन इसके बाद भी कर्मचारियों की अदालत में मजबूत
पैरवी नहीं की गई है। लांबा और फौगाट ने कहा कि हाईकोर्ट का फाइनल निर्णय
आना बाकी है, लेकिन हजारों कर्मचारियों में मायूसी बनी हुई है। dj
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