** खातों को आधार कार्ड से जोड़ने की प्रक्रिया के कारण हो रही देर
चंडीगढ़ : प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले करीब 14 लाख
बच्चों को अभी तक न तो वर्दी की राशि मिल पाई है और न ही छात्रवृत्ति के
पैसे मिले हैं। स्कूल बैग और स्टेशनरी की राशि भी अभी रुकी हुई है। स्कूली
बच्चों के दाखिलों को आधार कार्ड से जोड़ने की प्रक्रिया के कारण उनकी राशि
अटक गई है।
प्रदेश में वर्ष 2011 से मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा अधिनियम
लागू है। राज्य के स्कूलों में कक्षा एक से आठ तक के लगभग 14 लाख बच्चे
पढ़ते हैं। वर्ष 2016-17 का शिक्षा सत्र आधा बीतने वाला है, मगर बच्चों को
आवंटित की जाने वाली राशि का वितरण नहीं हो पाया है।
कक्षा एक से पांच
तक के बच्चों को स्कूल वर्दी के लिए 400 रुपये के स्थान पर 800 रुपये और
कक्षा छह से आठ तक के बच्चों को 600 रुपये के स्थान पर 1200 रुपये दिए जाते
हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पिछले दिनों इस बढ़ोतरी का एलान किया था।
प्रत्येक बच्चे को स्कूल बैग के लिए 120 रुपये और स्टेशनरी के लिए 100 रुपय
दिए जाने का प्रावधान है।
बच्चों को मिलने वाली राशि में देर होने का
कारण जानने के लिए हर रोज स्कूलों में अभिभावकों की भीड़ बढ़ रही है। स्कूल
मुखियाओं और शिक्षकों से हर रोज अभिभावकों की भिड़ंत हो रही। अभिभावकों को
शक है कि यह राशि मौलिक शिक्षा निदेशालय से भेजी जा चुकी है, लेकिन स्कूल
बच्चों को नहीं दे रहे हैं।
मौलिक शिक्षा निदेशालय के अफसरों का कहना है
कि गड़बड़ी तथा फर्जी एनरोलमेंट रोकने के लिए राशि सीधे बच्चों के खातों
में आएगी। db
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