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Monday, 26 September 2016

20 से ज्यादा स्कूलों में पढ़ाने को अध्यापक ही नहीं

इंद्री : प्राथमिक शिक्षकों के तबादलों से इंद्री क्षेत्र के करीब 20 स्कूल बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं। कई स्कूल अध्यापक रहित हो गए हैं तो कई स्कूलों में एक ही टीचर पर 5 कक्षाओं का जिम्मा है। इससे छात्रों के अभिभावकों में काफी गुस्सा है।
इंद्री खंड में 105 के करीब राजकीय प्राथमिक पाठशालाएं हैं। अध्यापकों के ऑनलाइन तबादलों के बाद कई स्कूलों में संकट खड़ा हो गया है। गांव टपरियां स्थित राजकीय प्राथमिक पाठशाला में 2 अध्यापक थे। दोनों अध्यापकों को तबादलों में नए स्टेशन मिल गए हैं। बुढ़नपुर बांगर व मनक माजरा गादियान की पाठशालाओं की भी यही स्थिति है। यहां भी दो-दो अध्यापक थे, जिनका तबादला हो गया है। डेरा रामनगर और बीड़ माजरा में पहले ही एक-एक अध्यापक था, जिससे स्कूल में बच्चों की संख्या बेहद कम हो गई थी। अब इन स्कूलों के इकलौते अध्यापकों का भी तबादला कर दिया गया है। यमुना नदी के साथ लगते जपती छपरा सिकलीगरान स्कूल में तीन अध्यापक थे। इनमें से एक अध्यापक की कुछ दिन पहले स्कूल में पढ़ाते हुए ही मृत्यु हो गई थी। स्कूल में दो अध्यापक रह गए थे। अब दोनों का ही तबादला हो गया है। यमुना के साथ ही लगते गांव नागल में 3 नियमित अध्यापक थे। तीनों अध्यापकों को नए स्कूल मिलने के बाद एक अतिथि अध्यापक स्कूल में रह गया है। गांव उड़ाना की राजकीय प्राथमिक पाठशाला में 63 बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे थे। स्कूल में कुछ समय तीन अध्यापक थे। छह महीने पहले एक अध्यापक सेवानिवृत्त हो गया था। अब सिर्फ एक अतिथि अध्यापक रह गया है। जनेसरों, जनेसरों डीपो की प्राथमिक पाठशालाओं में भी पांच कक्षाओं को पढ़ाने के लिए एक-एक अध्यापक रह गया है। डबकौली कलां और कमालपुर गडरियान की पाठशालाओं में भी एक अतिथि अध्यापक है। न्यू हलवाना के स्कूल में पहले से अध्यापक नहीं है। डबकौली कलां, डबकौली खुर्द, मुखाला और मुखाली के स्कूलों की स्थिति भी शोचनीय है। धनौरा, शेखपुरा, बुढ़नपुर खालसा और छपरियां के स्कूलों में भी एक-एक अध्यापक पर पांच कक्षाओं को पढ़ाने की जिम्मेदारी आ गई है।
गांव टपरियां के सरपंच गुरदेव सिंह, पूर्व सरपंच चांद राम, एसएमसी प्रधान और सामाजिक कार्यकर्ता वीरेंद्र सैनी, पंचायत सदस्य गुरनाम, मान सिंह, सतपाल, रामपाल, ने बताया कि गांव के स्कूल में एक भी स्थाई शिक्षक नहीं होने के कारण पूरे गांव के लोगों में गुस्सा है। इस मामले में वे बीईओ से मिले हैं। कार्यकारी बीईओ रविन्द्र सचदेवा के अनुसार खंड के स्कूलों में किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं आने दी जाएगी। जिन स्कूलों में अध्यापक नहीं थे, उनमें दूसरे स्कूलों से समायोजन कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि अभी अतिथि अध्यापकों का समायोजन नहीं हुआ है। यह प्रक्रिया उच्चधिकारियों के मार्गदर्शन में होनी है।                                                           dt

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