फतेहाबाद : मिड-डे-मील वीक के संदर्भ में स्कूल मुखियाओं को राहत मिल गई
है। प्राइमरी व मिडिल स्कूल के मुखियाओं की चिंता थी कि सरकारी शेड्यूल के
तहत अगर बच्चों का खाना बनाने वाली कुक को मेडिकल चेकअप अथवा प्रशिक्षण पर
भेज दिया गया तो खाना कैसे बनेगा। मगर अब अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि
प्रत्येक स्कूल से सिर्फ एक कुक को प्रशिक्षण के लिए भेजा जाएगा। बाकी कुक
प्रशिक्षण वाले दिन स्कूल में ही मौजूद रहेंगी और स्कूल मुखियाओं को किसी
तरह की असुविधा नहीं होगी।
प्रदेश सरकार ने राज्य स्तर पर मिड-डे-मील वीक
मनाने का निर्णय लिया हुआ है। इस संबंध में राज्य सरकार के मौलिक शिक्षा
निदेशालय ने सभी जिला एवं खंड मौलिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी कर
मिड-डे-मील वीक आयोजित करने के निर्देश दिये हैं। निदेशालय अपने पत्र में
यह उल्लेख करना भूल गया कि बच्चों के लिए दोपहर का खाना बनाने वाली कुक के
मेडिकल चेकअप का स्वरूप क्या होगा। निर्देश दिये गए कि मिड-डे-मील स्कीम के
अंतर्गत कार्यरत सभी कुकों की खंड स्तर पर मास्टर ट्रेनर्स से ट्रेनिंग दी
जाएगी जिसमें साफ-सफाई एवं खाने की गुणवत्ता आदि की जानकारी दी जाएगी।
ये हैं कार्यक्रम
7 व 8
सितंबर : स्वास्थ्य विभाग की मदद से बच्चों का मेडिकल चेकअप होगा।
9
सितंबर : कुकों का मेडिकल चेकअप होगा।
10 सितंबर : मिड-डे-मील स्कीम के
अंतर्गत कुकों की खंड स्तर पर ट्रेनिंग दी जाएगी।
हो गया समाधान
प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला प्रधान विकास टुटेजा कहते
हैं कि शुरुआती पत्र में सिर्फ यही जिक्र था कि कुकों को प्रशिक्षण शिविर
में भाग लेना है। इसलिए संशय था कि था कि उनकी गैर मौजूदगी में खाना कौन
बनाएगा। अब समाधान हो गया है, क्योंकि सिर्फ एक ही कुक को प्रशिक्षण के लिए
भेजा जाएगा। जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी कृष्णा सिहाग ने बताया कि स्कूलों
में खाना बनाने में किसी तरह की परेशानी नहीं आएगी। प्रशिक्षण के लिए
प्रत्येक स्कूल से सिर्फ एक कुक को भेजा जाएगा ताकि व्यवस्था प्रभावित न
हो। कुक को साफ सफाई व खाने की गुणवत्ता संबंधी जानकारी दी जाएगी। dj
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