नई दिल्ली : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अगले एक माह में तय करेगा कि देश में सबसे ज्यादा फीस किस स्कूल की हो सकती है और कितनी होनी चाहिए? इसका आकलन स्कूल द्वारा छात्रों को मुहैया कराई जा रही सुविधा के अनुरूप होगा। इसके लिए बोर्ड ने स्कूल बायलॉज रिव्यू कमेटी का गठन किया है। यह जानकारी बोर्ड के चेयरमैन आरके चतुर्वेदी ने दी। सीबीएसई ने देशभर के स्कूलों को एक निर्देश जारी करने जा रहा है। इसमें स्कूलों से पूछा है कि वह कितनी फीस ले रहे हैं और बदले में छात्रों को कौन-कौन सी सुविधाएं दे रहे हैं? स्कूलों के लिए यह जानकारी अपनी वेबसाइट पर 31 अक्टूबर तक हर हाल में अपलोड करने के लिए अलावा सीबीएसई को भेजनी जरूरी है।
सुविधाओं पर तय होगी फीस
स्कूल का एरिया कितना है? सीबीएसई से एफिलिएशन कब मिला? स्कूल में क्लास रूम कैसे हैं? स्मार्ट क्लास रूम हैं या नहीं। पठन-पाठन की सुविधा फिजिकल है या वर्चुअल मोड भी अवेलेबल है। क्लास रूम के अलावा साइंस लैब, बायोलॉजी फिजिक्स लैब किस स्तर की हैं?
क्या स्कूल में स्पोर्ट्स सुविधाएं हैं। इंडोर स्पोर्ट्स की क्या सुविधाएं हैं? स्वीमिंग पूल है या नहीं? कैंटीन है या नहीं? मेडिकल और हेल्थ की क्या सुविधाएं हैं?
ट्रांसपोर्ट सुविधा : ट्रांसपोर्टका चार्ज बच्चों से कितना लिया जाता है? स्कूल के पास कितनी बसें और गाड़ियां हैं। बच्चों के अलावा स्कूल चेयरमैन, प्रिंसिपल, वाइस प्रिंसिपल के पास अपनी कितनी कारें हैं? महिला स्टाफ के लिए ट्रांसपोर्ट के क्या इंतजाम हैं?
सुरक्षा के इंतजाम : बच्चों की सुरक्षा को लेकर भी सवाल उठते हैं। ऐसे में पूछा है कि स्टूडेंट लेडी टीचर की सेफ्टी के लिए क्या इंतजाम हैं? फायर अलार्म है या नहीं, फायरब्रिगेड से सेफ्टी एनओसी ली है या नहीं? ड्रिंकिंग वाटर सर्टिफिकेट है या नहीं? db
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