चंडीगढ़ : प्रदेश के तीन लाख कर्मचारियों को अब कर्जा लेने के लिए सरकारी
अधिकारियों के चक्कर नहीं काटने होंगे। कर्मचारी अपनी जरूरतों के लिए सीधे
पंजाब नेशनल बैंक से लोन ले सकेंगे। सरकार ने हाउस, कार व निजी लोन से
जुड़े सभी मामले पीएनबी को ट्रांसफर कर दिए हैं। इसके लिए सरकार और बैंक के
बीच करार हुआ है। कर्मचारियों को बैंक से लोन उसी 8.1 फीसदी की ब्याज दर
पर मिलेगा, जिस दर पर सरकार देती थी। वित्त मंत्रलय के इस प्रस्ताव को सीएम
मनोहर लाल ने स्वीकृति प्रदान कर दी है। उल्लेखनीय है कि वित्त मंत्रलय को
हर वर्ष वार्षकि बजट में कर्मचारियों के लोन के लिए 250 करोड़ रुपये का
प्रबंध करना पड़ता था।
वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु के अनुसार सभी
विभागों के प्रशासनिक सचिवों तथा विभागाध्यक्षों को इस बारे में निर्देश
जारी कर दिए गए हैं। जिन कर्मचारियों ने कर्जे के लिए आवेदन किया हुआ है,
उनके सभी मामलों को पीएनबी के पास भेज दिया जाएगा। कैप्टन ने बताया कि लोन
के नियमों एवं शतोर्ं में किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया है।
"मुख्यमंत्री
और वित्त मंत्री ने कर्मचारियों की समस्याओं को देखते हुए बड़ा फैसला लिया
है। बैंकों से टेंडर मांगे गए थे। करीब डेढ़ दर्जन बैंकों ने आवेदन किया
था। कर्मचारियों के कजोर्ं के लिए पीएनबी का चयन किया गया है। अब
कर्मचारियों को लोन के लिए किसी के चक्कर काटने की जरूरत नहीं होगी।"-- संजीव कौशल, अतिरिक्त मुख्य सचिव, वित्त विभाग
"हमारी सरकार ने कर्मचारियों
से किया एक वादा और पूरा कर दिया है। लोन के काम को बैंक को सौंपने से
सरकार को एक हजार करोड़ की बचत होगी। इस पैसे को विकास में खर्च किया
जाएगा। वहीं कर्मचारियों का इंतजार अब खत्म हो जाएगा। ऋण के लिए हम
स्वैच्छिक कोटा प्रणाली भी खत्म कर रहे हैं। पीएनबी शीघ्रता से ऐसे ऋण जारी
करने के उद्देश्य से चंडीगढ़ या पंचकूला में विशेष शाखा खोलेगा। सभी ऋण
प्रक्रियाओं की निगरानी के लिए नोडल अधिकारी भी नियुक्त करेगा।"-- कैप्टन
अभिमन्यु, वित्त मंत्री, हरियाणा dj
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