** विभाग को अपनी राय ऑनलाइन दे सकते हैं लोग
नई दिल्ली: नौवीं -दसवीं में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड
(सीबीएसई) की ओर से लागू समग्र सतत मूल्याकंन (सीसीई) प्रणाली में सुधार की
दिशा में कदम बढ़ाया है। सीबीएसई ने इस मूल्यांकन प्रणाली की खामियों को
दूर करने और नए पहलुओं को इसमें शामिल करने के लिए सीधे प्रिंसिपलों,
शिक्षक, अभिभावक व छात्रों से उनका मत मांगा है। बोर्ड ने इसे लेकर फीडबैक
सिस्टम के माध्यम से सर्वे शुरू कर दिया है और इस सर्वे के आधार पर ही
सीसीई में सुधार को लेकर कदम उठाये जाएंगे।
यहां बता दें कि सीबीएसई ने
वर्ष 2009 में सीसीई प्रणाली को स्कूलों में लागू किया था। समेटिव व
फोरमेटिव असेस्मेंट में बंटी इस मूल्याकंन व्यवस्था में अब सुधार की
कोशिशें शुरू हो गई है। इसके लिए बोर्ड ने शिक्षकों, छात्रों, अभिभावकों व
प्रिंसिपलों के लिए एक प्रश्नावली तैयार की है। इस प्रश्नावली के माध्यम से
यह सभी भागीदार अपनी राय ऑनलाइन दे सकते हैं। इस प्रयास के पीछे बोर्ड का
उद्देश्य है कि सीसीई को कितने लोग स्वीकार कर रहे हैं, इसको जारी रखने में
किस तरह की चुनौतियां सामने आ रही है और इसका प्रयोग करने पर शिक्षकों
कौन-कौन से संसाधनों की जरूरत है।
छात्रों व अभिभावकों से सवाल: अपनी
प्रश्नावली में सीबीएसई ने अभिभावकों व छात्रों से ऐसे सवाल पूछे है जिनके
जवाब वो हां या नहीं में दे सकते हैं। बोर्ड ने पूछा है कि क्या दसवीं में
सत्र खत्म होने पर पेन-पेपर परीक्षा बोर्ड परीक्षा की तरह ही प्रभावी है?
क्या अभिभावक सीसीई में किए जा रहे मूल्यांकन और स्कोर को आसानी से समझ
जाते हैं? क्या छात्रों को प्रोजेक्ट वर्क व समूह गतिविधियों से सीखने में
मदद मिलती है? क्या अंकों की जगह ग्रेडिंग शामिल करने से छात्रों के तनाव
को कम करने में मदद मिल रही है? क्या दसवीं में समेटिव असेस्मेंट-दो केवल
बोर्ड की ओर से आयोजित होना चाहिए? साफ है कि बोर्ड उनकी राय के आधार पर इन
सभी विषयों को लेकर इस मूल्याकंन प्रणाली में सुधार की ओर बढ़ना चाहता है। dj
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