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Wednesday, 18 January 2017

सरकारी नौकरी से पहले भरना होगा बिजली बिल

** रिहायशी व व्यावसायिक प्लाटों के लिए भी आवेदन नहीं कर सकेंगे डिफाल्टर
** बिजली के बकाया बिलों की वसूली के लिए सरकार का कारगर हथियार 
चंडीगढ़ : बिजली निगमों को घाटे से उबारने की कोशिश में लगी हरियाणा सरकार बकाया बिलों की वसूली के लिए नित नए तरीके अपना रही है। अब बिजली निगम के डिफाल्टरों को न तो सरकारी नौकरी मिलेगी और न रिहायशी व व्यावसायिक प्लाट। साथ ही हथियारों के लाइसेंस के अलावा अन्य सुविधाओं से भी महरूम होना पड़ेगा।
मुख्य सचिव डीएस ढेसी की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई बिजली निगमों की बैठक में इस फैसले को सैद्धांतिक मंजूरी प्रदान की गई। इसके तहत सरकारी नौकरियों में आवेदन, हुडा व एचएसआइआइडीसी के सेक्टरों में 250 गज या इससे अधिक के प्लॉटों में भवन निर्माण व नक्शा पास कराने, प्लॉटों की खरीद और सशस्त्र लाइसेंस के लिए आवेदन या नवीनीकरण के लिए बिजली बिलों का नियमित भुगतान करना जरूरी होगा। इससे पहले 20 नवंबर को बिजली बिल सरचार्ज माफी योजना शुरू की गई थी जिसके तहत 31 दिसंबर तक एक लाख से अधिक बिजली उपभोक्ताओं ने लगभग 400 करोड़ रुपये के बकाया बिलों का भुगतान किया। योजना की सफलता को देखते हुए अब इसे 31 जनवरी तक बढ़ा दिया गया है। इसी तरह स्वैच्छिक लोड स्कीम के भी सकारात्मक परिणाम निकले। इससे उत्साहित सरकार ने अब सरकारी सेवाओं के लिए बिजली बिलों का भुगतान अनिवार्य कर दिया है। 
इससे पहले सरकार ने पंचायती राज संस्थाओं तथा स्थानीय निकायों के चुनावों में भी प्रत्याशियों के लिए बिजली बिलों के नियमित भुगतान की शर्त लगा दी थी। इस कारण बिजली निगम 50 करोड़ रुपये से अधिक की रिकवरी करने में सफल रहे थे। कई प्रत्याशी तो ऐसे थे जिन्होंने वर्षो पुराने बिजली बिलों का भुगतान किया। बैठक में राजस्व विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ा, बिजली विभाग के प्रधान सचिव अनुराग रस्तोगी व बिजली निगमों के चेयरमैन शत्रुजीत कपूर समेत कई विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।

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