फतेहाबाद : जाट आरक्षण आंदोलन के मद्देनजर शिक्षा विभाग ने भी स्कूल
मुखियाओं को दिशा-निर्देश जारी किए हैं। जारी निर्देशों में स्कूल मुखियाओं
को बच्चों, स्कूल की संपत्ति व सरकारी दस्तावेजों की सुरक्षा सुनिश्चित
करने के लिए कहा है। अब यदि किसी तरह की क्षति होती है, तो उसके लिए स्कूल
मुखिया ही जिम्मेदार होंगे। ये निर्देश पिछले साल उपद्रव के दौरान स्कूलों
में हुई तोड़फोड़ व आगजनी जैसी घटनाओं को देखते हुए दिए गए हैं।
गत
वर्ष जाट आरक्षण आंदोलन ने उग्र रूप लिया तो कुछ जिलों में बहुत ज्यादा
नुकसान हुआ था। स्कूलों को आग के हवाले कर दिया गया था। संपत्ति राख हो गई।
स्कूलों का रिकॉर्ड तक जल
गया था। इसीलिए अधिकारियों ने स्कूल मुखियाओं को लिखित पत्र जारी कर कहा है
कि वे स्कूल का रिकॉर्ड सुरक्षित तरीके से रख दें। नजदीकी पुलिस थाना व
ड्यूटी मजिस्ट्रेट के मोबाइल नंबर हर स्कूल मुखिया के पास उपलब्ध रहना
चाहिए। ताकि किसी भी समस्या पर तुरंत समाधान हो सके।
कोई माहौल
बिगाड़ने की कोशिश करता है तो स्कूल मुखिया को तुरंत इसकी सूचना संबंधित
थाना प्रभारी या ड्यूटी मजिस्ट्रेट को देनी होगी। स्कूल मुखियाओं से कहा
गया है कि वे स्कूल को अपने घर की तरह समङों और उसकी रखवाली के लिए हर
व्यवस्था करें।
"सरकार व प्रशासन की तरफ से हमें हिदायत मिली थी। उसी अनुसार हमने स्कूल
मुखियाओं को भी पत्र जारी कर दिया है। स्कूल की संपत्ति व रिकॉर्ड की
सुरक्षा बहुत जरूरी है। बच्चों की सुरक्षा के मामले में कोई समझौता नहीं
किया जा सकता। इसलिए बच्चों को स्कूल टाइम में बाहर जाने की अनुमति नहीं दी
जाएगी।"-- दयानंद सिहाग, डिप्टी डीईओ, फतेहाबाद।
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