कानपुर : केंद्रीय विद्यालयों में मजबूत शिक्षा प्रणाली विकसित करने के लिए
बदलाव किए जाने की तैयारी है। प्राचीन शिक्षा प्रणाली को वैज्ञानिक युग से
जोड़ने के लिए ठोस शिक्षा का खाका खींचा जा रहा है। कक्षा एक से लेकर
12वीं तक की पठन-पाठन व्यवस्था में बदलाव किया जाएगा। प्राइमरी एजुकेशन में
एक्टिविटी की बजाय अब कंटेंट पर फोकस होगा।
आइआइटी परिसर में संचालित
केंद्रीय विद्यालय के पूर्व छात्र सम्मेलन में शिरकत करने आए 71 बैच के
पूर्व छात्र व केंद्रीय विद्यालय संगठन मुंबई रीजन के पूर्व डिप्टी कमिश्नर
विजय किशोर श्रीवास्तव ने बताया कि इस सत्र से बदलाव तय है। केंद्रीय
विद्यालयों में पढ़ाने वाले प्राइमरी शिक्षकों को इसके लिए प्रशिक्षण दिए
जाने का सिलसिला शुरू हो चुका है। इसके अलावा परीक्षाएं कम करके छात्रों का
ध्यान ठोस पढ़ाई की ओर लाने के लिए कंटीन्यूअस एंड कॉम्प्रेहेंसिव
इवेल्यूएशन (सीसीई) स्कीम में भी बदलाव की तैयारी चल रही है। केंद्रीय
विद्यालय संगठन ने इसके लिए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) को
पत्र लिखा है। इस बदलाव पर मंत्रलय भी विचार कर रहा है। देश में करीब 1100
केंद्रीय विद्यालय हैं, जिनमें 12 लाख छात्र-छात्रएं अध्ययनरत हैं।
केंद्रीय विद्यालय संगठन के पूर्व डिप्टी कमिश्नर विजय किशोर श्रीवास्तव ने
बताया कि एक्टिविटी व हाईटेक एजुकेशन के कारण छात्र ठोस शिक्षा से दूर
होते जा रहे हैं। लर्निग व टारगेट आउटपुट बहुत कम हो गया है। कक्षाओं में
इलेक्ट्रानिक बोर्ड लगे हुए हैं जिसका इस्तेमाल किया जा रहा है।
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