झज्जर : प्रदेश सरकार संस्कृत अध्यापकों
की नियुक्ति में बीए ऑनर्स संस्कृत शास्त्री को योग्य नहीं मानती है तो
गुरुकुल आंदोलन करने को मजबूर होंगे। यह बात विद्यार्थी सभा गुरुकुल की
रविवार को झज्जर महाविद्यालय में हुई बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत करते
हुए आचार्य विजयपाल योगार्थी पूर्णसिंह देशवाल ने कही। आचार्य विजयपाल ने
कहा कि सरकार द्वारा संस्कृत अध्यापकों के लिए आवेदन मांगे गए हैं जिसमें
शास्त्री को योग्य मानते हुए बीए संस्कृत वैकल्पिक को योग्य मान लिया गया
है जबकि इससे पूर्व इस पद के लिए बीए ऑनर्स संस्कृत यानि शास्त्री को ही
योग्य माना जाता था। शास्त्री के अध्ययन में संस्कृत के 4 प्रश्न-पत्र
पढ़ाए जाते हैं और बीए वैकल्पिक संस्कृत की अपेक्षा शास्त्री उत्तीर्ण
छात्र की संस्कृत योग्यता कई गुणा अधिक होती है। गुरुकुलों के प्रतिनिधियों
ने बैठक में सरकार के शास्त्री शिक्षा संबंधी फैसले पर हैरानी जताई और
शास्त्री को संस्कृत अध्यापक पद के लिए योग्य माने जाने की मांग की। जो
रिक्तियां विज्ञापित की गई हैं उनकी योग्यता को संशोधित करके पुन:
विज्ञापित किया जाए।
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