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Thursday, 5 January 2017

सेशन खत्म होने पर, नहीं पहुंचा 19 हजार स्टूडेंट्स के अकाउंट में वर्दियों का पैसा

** अधिकारियों की लेटलतीफी : जिले में 46 हजार बच्चों में से 27 हजार को ही मिल पाया वर्दी का पैसा
** पहली से आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों को मिलता है पैसा 
अम्बाला सिटी : सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों को मिलने वाला वर्दी का पैसा अभी तक 19 हजार विद्यार्थियों के अकांउट में नहीं पहुंचा है। जिले में कुल 46 हजार में से 27 हजार बच्चों को ही वर्दी का पैसा मिल पाया है। ऐसे में सवाल खड़ा हो गया है कि सेशन खत्म होने में सिर्फ दो ही महीनों का समय बचा है, लेकिन कई जरूरतमंद विद्यार्थी पैसा नहीं मिलने के कारण बिना वर्दी के स्कूल पहुंचने के लिए मजबूर हैं। कई विद्यार्थी तो पहले मिली वर्दी ही पहनकर स्कूल आते हैं, जबकि वह वर्दी भी फट चुकी है। शिक्षा विभाग अधिकारियों ने वर्दी का पैसा बच्चों के अकाउंट तक जल्द पहुंचे अभी तक कोई कदम नहीं उठाया है। विभाग अधिकारियों ने यह कहकर पल्ला झाड़ लिया है कि बच्चों के अकांउट संबंधी समस्या होने के कारण उनका पैसा नहीं पहुंचा। ऐसे में कब तक बच्चों की वर्दी का पैसा उनके पास पहुंचा, यह भी अभी तक स्पष्ट नहीं हैं। 
जानकारी के अनुसार पहली से आठवीं तक बच्चों को वर्दी का पैसा पहले एसएमसी (स्कूल मैनेजमेंट कमेटी) के माध्यम से मिलता था। 12 सदस्यीय एसएमसी में एक टीचर बच्चों के अिभभावक शामिल होते हैं। एसएमसी के अकाउंट से स्कूल टीचर और एसएमसी प्रधान के हस्ताक्षर के बाद ही पैसा निकलता है। इसके बाद एसएमसी स्कूल टीचर की सहायता से बच्चों को वर्दियां खरीदकर देती थी। उस दौरान पहली से 5वीं तक 400 रुपए मिलते थे। अबकी बार पहली से 5वीं कक्षा तक 800 और 6वीं से 8वीं तक 1000 रुपए मिल रहे हैं। पहले डीपीसी विभाग बच्चों का पैसा सभी ब्लॉक बीईओ को डालता था। बीईओ से यह पैसा स्कूलों अकाउंट के माध्यम से टीचर के पास पहुंचता था और टीचर एसएमसी कमेटी के साथ मिलकर वर्दी का कपड़ा खरीदकर बच्चों को देते थे। अब यह पैसा डायरेक्टर ऑफिस पंचकूला से सीधा बच्चे के अकाउंट में आता है। डायरेक्टर ऑफिस ने 30 सितंबर तक बच्चों की संख्या के हिसाब से पैसा देना था, लेकिन अभी भी 19 हजार बच्चों को वर्दी का पैसा नहीं मिल पाया। बताया जाता है कि पहले यह पैसा जुलाई-अगस्त में बच्चों को मिल जाता था। 
"पहले एसएमसी के अकाउंट में पैसा आता था। अबकी बार पहली से आठवीं तक बच्चों को वर्दी का पैसा डायरेक्टर ऑफिस द्वारा सीधा बच्चे के खाते में डाला जा रहा है। ज्यादातर बच्चों के पैसे चुके हैं। जिन बच्चों का पैसा अभी नहीं आया, उनका अकाउंट नंबर आधार से लिंक नहीं होने और अन्य कारणों से पैसा नहीं आया होगा।"-- रविंद्रअहलावादी, डीपीसी, अम्बाला। 
आधार लिंक नहीं होने से आई समस्या 
जिलेमें 485 राजकीय प्राइमरी और 138 मिडल स्कूल हैं। इन स्कूलों में 46 हजार बच्चों को वर्दी का पैसा मिलना था। स्कूलों में कई बच्चों के अकाउंट से आधार लिंक नहीं होने के कारण उनके अकाउंट में पैसा नहीं पहुंच पाया। साथ ही बच्चों, अभिभावकों के नाम, अकाउंट नंबर और अन्य तकनीकी कारणों से यह समस्या रही। बताया जाता है कि कई बैंकों में बच्चों ने बैंक में आधार लिंक करने के लिए आधार नंबर भी दिए। मगर नोटबंदी होने पर बैंकों में ज्यादा भीड़ होने से भी बच्चों के अकाउंट आधार से लिंक नहीं हो पाए। अब बच्चों को पैसा नहीं मिलने से दिक्कत खड़ी हो गई। 

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