फतेहाबाद : सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों का लर्निंग स्तर जांचने के
लिए होने वाले पर्यवेक्षण में अधिकारी अपनी मनमानी नहीं कर सकेंगे। अलॉट
किए गए स्कूल में अधिकारी अकेला ही जाएगा। टीम को साथ लेकर स्कूल में
पर्यवेक्षण नहीं करेगा। पिछले माह खंड शिक्षा अधिकारियों द्वारा स्कूलों के
पर्यवेक्षण में दूसरे स्कूलों का साथ लेकर जाने की शिकायतें मिलने के बाद
शिक्षा विभाग ने सख्त आदेश जारी किए हैं। कोई भी अधिकारी दूसरे स्कूल के
प्राचार्य, लेक्चरार व अन्य शिक्षक को साथ लेकर नहीं जाएगा। अगर ऐसा होता
है तो कार्रवाई होगी। सोमवार को विभाग ने 20 जनवरी को होने वाले पर्यवेक्षण
के लिए स्कूल भी अलॉट कर दिए हैं। अधिकारियों की कमी के चलते तीन स्कूलों
का पर्यवेक्षण नहीं हो सकेगा।
विभाग के निर्देश पर नहीं हुआ स्कूल का चयन:
पर्यवेक्षण को लेकर शिक्षा विभाग ने निर्देश जारी किए कि पर्यवेक्षण के
लिए 30 प्रतिशत ग्रामीण, 30 प्रतिशत शहरी व 40 प्रतिशत अर्धशहरी स्कूलों का
चयन किया जाए। लेकिन जिला शिक्षा विभाग ने ग्रामीण, शहरी व अर्धशहरी के
स्कूलों का बराबर चयन किया है। विभाग के पास स्कूलों का निरीक्षण करने के
लिए अधिकारी नहीं है। जिला शिक्षा अधिकारी, ¨प्रसीपल डाइट व जिला मौलिक
शिक्षा अधिकारी का पद खाली पड़ा है।
सम कक्षाओं का होगा निरीक्षण
दिसंबर माह में विषम कक्षाओं का निरीक्षण किया गया था, इस बार सम कक्षाओं का निरीक्षण होगा। शिक्षा विभाग प्रश्न पत्र व उत्तर की जारी करेगा। अधिकारी सम कक्षाओं के विद्याथियों को प्रश्न पत्र देंगे। उत्तर पुस्तिकाओं को विद्यार्थियों से ही जांच करवाई जाएगी। जिसके बाद अधिकारी विद्यार्थियों का लर्निंग स्तर जांचेंगे। जिस कक्षा की परफोरमेंस खराब मिली, उस कक्षा के शिक्षक को विभाग की तरफ चेतावनी मिलेगी।
दिसंबर माह में विषम कक्षाओं का निरीक्षण किया गया था, इस बार सम कक्षाओं का निरीक्षण होगा। शिक्षा विभाग प्रश्न पत्र व उत्तर की जारी करेगा। अधिकारी सम कक्षाओं के विद्याथियों को प्रश्न पत्र देंगे। उत्तर पुस्तिकाओं को विद्यार्थियों से ही जांच करवाई जाएगी। जिसके बाद अधिकारी विद्यार्थियों का लर्निंग स्तर जांचेंगे। जिस कक्षा की परफोरमेंस खराब मिली, उस कक्षा के शिक्षक को विभाग की तरफ चेतावनी मिलेगी।
"20 जनवरी को स्कूल के पर्यवेक्षण के
लिए 9 अधिकारियों को स्कूल अलॉट हो गए हैं। बीईओ को सख्त आदेश दिए गए हैं
कि स्कूल पर्यवेक्षण के समय किसी प्राचार्य व शिक्षक को साथ लेकर न जाएं।"-- दयानंद सिहाग, उप जिला शिक्षा अधिकारी, फतेहाबाद।
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