चंडीगढ़ : सरकारी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आइटीआइ) में पढ़ रहे
छात्र-छात्रएं अब निजी आइटीआइ के छात्रों को टक्कर देते दिखाई देंगे। हर
जिले की एक आइटीआइ को मॉडर्न बनाया जाएगा, जिसमें अत्याधुनिक सुविधाओं के
साथ उच्च शैक्षणिक माहौल होगा। खासकर स्थानीय उद्योगों से समझौता कर
छात्रों को वहां टेनिंग दिलाई जाएगी ताकि वे व्यावहारिक रूप से दक्ष हो
सकें।
प्रदेशभर में फिलहाल कुल 330 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान हैं जिनमें
147 सरकारी और 183 आइटीआइ निजी हैं। सरकारी आइटीआइ में विभिन्न ट्रेडों में
कोर्स कर रहे 55 हजार 484 विद्यार्थियों को बेहतर प्रशिक्षण देने के लिए
पूरा खाका तैयार कर लिया गया है। पहले चरण में दस गर्ल आइटीआइ सहित 22
आइटीआइ के आधुनिकीकरण पर करीब 90 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। प्रस्ताव
पर मुख्यमंत्री कार्यालय की मुहर लग चुकी है और जल्द ही इसे अमलीजामा पहना
दिया जाएगा। मॉडर्न आइटीआइ के लिए सर्वप्रथम भवनों की मरम्मत कर अत्याधुनिक
ट्रेड शुरू किए जाएंगे, जिनमें अत्याधुनिक टूल मशीनरी और डिजीटल लाइब्रेरी
की व्यवस्था होगी। स्मार्ट क्लास रूम के साथ पूरे कैंपस में मुफ्त वाई-फाई
सुविधा होगी और छात्रों की उपस्थिति बायोमीटिक प्रणाली से लगेगी। हर
विद्यार्थी की ई-मेल आइडी होगी और कंप्यूटर शिक्षा अनिवार्य रहेगी।
कम्युनिकेशन लेबोरेट्री में प्रशिक्षुओं की अंग्रेजी दुरुस्त की जाएगी
जिससे निजी क्षेत्रों में रोजगार की अड़चनें दूर हो सके। प्लेसमेंट सेल
विद्यार्थियों को रोजगार दिलाना सुनिश्चित करेगी। इसके अलावा बहुउद्देशीय
हॉल व ओपन एयर स्टेडियम बनाए जाएंगे, जहां सांस्कृतिक व खेलों के अलावा
अन्य गतिविधियां संचालित की जा सकेंगी।
"हरियाणा के स्वर्ण जयंती वर्ष में 22 आइटीआइ को मॉडर्न बनाया जा रहा है
जिनमें बच्चों में जीवन कौशल विकसित करने पर विशेष प्रयास रहेगा। इसके लिए
तीन साल का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। भविष्य में होटल मैनेजमेंट व
हॉस्पिटेलिटी जैसे रोजगारोन्मुखी कोर्स कराने की भी योजना है।"-- नरेंद्र
कुमार, संयुक्त निदेशक (तकनीकी), औद्योगिक प्रशिक्षण हरियाणा
ये संस्थान बनेंगे आदर्श1अंबाला, तोशाम (भिवानी), चरखी दादरी, फरीदाबाद,
गुरुग्राम, हिसार, गुढ़ा (झज्जर), जींद, कैथल, करनाल, कुरुक्षेत्र,
महेंद्रगढ़, नूंह, पलवल, पंचकूला, पानीपत, रेवाड़ी, रोहतक, सिरसा, गोहाना
(सोनीपत), यमुनानगर व टोहाना (फतेहाबाद)
लड़कियों के लिए अलग हॉस्टल
लड़कियों को तकनीकी दक्ष बनाने के लिए विशेष
प्रयास रहेगा। अंबाला, गुरुग्राम, हिसार और रोहतक में महिला हॉस्टल की
व्यवस्था की जाएगी ताकि गांवों से आने वाली लड़कियों को दिक्कतें न हों।
सप्ताह में पांच दिन के बजाय छह दिन पढ़ाई कराई जाएगी।
पांचवीं पास कर स्कूल छोड़ चुके बच्चों को भी दिया जाएगा प्रशिक्षण
पांचवीं
पास करने के बाद स्कूल छोड़ चुके बच्चों को भी इन मॉडर्न आइटीआइ में
प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि वे अपने पैरों पर खड़े हो सकें। सभी संस्थानों
में प्रबंधक कमेटी का गठन किया जाएगा जिसका अध्यक्ष कोई स्थानीय उद्योगपति
होगा। ग्रामीण विद्यार्थियों के लिए 13 आइटीआइ में विशेष हॉस्टल बनाए
जाएंगे।
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