राजधानी हरियाणा : तृतीयचतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के लिए राहत की खबर
है। किन्हीं कारणों से अगर विभाग से उन्हें एक्सेस पेमेंट मिला है तो अब
उसकी रिकवरी उनसे नहीं होगी। स्टेट ऑफ पंजाब बनाम रफीक मसीह के मामले में
सुप्रीम कोर्ट की ओर से पिछले दिनों दिए गए एक आदेश के तहत अब वित्त विभाग
ने भी सभी विभागाध्यक्षों, मंडल कमिश्नरों, जिला उपायुक्तों और
पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट रजिस्ट्रार से रिकवरी नहीं करने को कहा है। माना जा
रहा है कि सरकार के इस फैसले से राज्य के हजारों कर्मचारियों को फायदा
मिलेगा।
वित्त विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी की ओर से जारी एक परिपत्र
में कहा गया है कि ग्रुप सी और डी के कर्मचारियों से रिकवरी की जाए। ऐसे
कर्मचारियों से भी रिकवरी नहीं होगी जो एक साल में रिटायर होने वाले हैं।
ऐसे कर्मचारियों को भी राहत मिलेगी जिनके लिए रिकवरी के आदेश दिए हुए 5 साल
से ज्यादा समय हो चुका है, लेकिन रिकवरी नहीं हुई है। इसी तरह उन
कर्मचारियों को भी इसका फायदा मिलेगा जिन्होंने गलत तरीके से ऊंचे पद पर
सेवाएं दीं और उसके अनुरूप वेतन-भत्ते आदि लिए हैं, यानी पदावनत हुए
कर्मचारियों से कोई वसूली नहीं होगी।
लेकिन ऐसे मामलों में नहीं होगा कोई फायदा
अगर किसी मामले में प्रथम दृष्टया ही यह पाया जाता है कि किसी कर्मचारी को गलती से ज्यादा पेमेंट हो गया है। उस कर्मचारी ने भी मान लिया है कि उसे ज्यादा भुगतान हो गया और एक्सेस पेमेंट लौटाने या कटौती करवाने की अंडरटेकिंग दी है। ऐसे कर्मचारियों से एक्सेस पेमेंट की रिकवरी की जा सकती है। अगर किसी कर्मचारी ने फर्जी बिलों या धोखाधड़ी अथवा अन्य गलत तरीके से कोई पेमेंट लिया है तो ऐसे मामलों में भी किसी तरह की राहत नहीं दी जाएगी।
लेकिन ऐसे मामलों में नहीं होगा कोई फायदा
अगर किसी मामले में प्रथम दृष्टया ही यह पाया जाता है कि किसी कर्मचारी को गलती से ज्यादा पेमेंट हो गया है। उस कर्मचारी ने भी मान लिया है कि उसे ज्यादा भुगतान हो गया और एक्सेस पेमेंट लौटाने या कटौती करवाने की अंडरटेकिंग दी है। ऐसे कर्मचारियों से एक्सेस पेमेंट की रिकवरी की जा सकती है। अगर किसी कर्मचारी ने फर्जी बिलों या धोखाधड़ी अथवा अन्य गलत तरीके से कोई पेमेंट लिया है तो ऐसे मामलों में भी किसी तरह की राहत नहीं दी जाएगी।
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