** सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें का लाभ संभव, खजाना निदेशक बन
रहे बाधा
चंडीगढ़ : सरकारी विभागों में आउटसोर्सिग के तहत ठेके पर लगे कर्मचारियों
को सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों का लाभ मिल सकता है। वित्त विभाग ने सभी
महकमों में कार्यरत कच्चे कर्मचारियों का डाटा जुटाकर वेतन बढ़ोतरी का
मसौदा भी मुख्य सचिव को भेज दिया है। अब प्रस्ताव को मुख्यमंत्री के समक्ष
रखा जाएगा। सीएम की मंजूरी मिलते ही संशोधित वेतन लागू कर दिया जाएगा। बढ़े
वेतन के लिए इन कर्मचारियों का इंतजार लगातार लंबा होता जा रहा है।
हरियाणा में पहले ही सभी सरकारी कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग का लाभ
मिल चुका है, लेकिन कच्चे कर्मचारियों के साथ ही बोर्ड, निगमों, स्थानीय
निकायों और विश्वविद्यालयों के कर्मियों को अभी वेतन वृद्धि का इंतजार है।
सरकार निर्देश जारी कर चुकी है कि सभी अपने-अपने निदेशक मंडल और उच्च
स्तरीय समितियों की बैठक बुलाकर इसका लाभ देने का निर्णय लें।
वित्त विभाग
के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने सरकारी विभागों में अनुबंधित और आउटसोसिर्ंग के
तहत कार्यरत कर्मचारियों की जानकारी विभागों से मांगी है। कुछ विभागों के
स्टाफ, बढ़ोतरी से पड़ने वाले वित्तीय बोझ और पिछली वेतन वृद्घि की जानकारी
नहीं मिली है। इस बारे में कोषागार एवं लेखाकार निदेशालय को पत्र लिखा गया
है, जो समय से जानकारी मुहैया नहीं करा रहे हैं।
मंजूर नहीं सरकार का
फॉमरूला :
सर्व कर्मचारी संघ के महासचिव सुभाष लांबा ने कहा कि ठेके पर लगे
कर्मचारियों को पक्के कर्मियों के समान वेतन दिया जाए। सरकार ने वेतन
बढ़ाने का जो फॉमरूला तैयार किया है वह तर्कसंगत नहीं। खासकर आंगनबाड़ी
कार्यकर्ताओं, मिड डे मिल व आशा वर्करों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा देकर
पूरा वेतन दिया जाना चाहिए।
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