** स्कूल ऑफ ड्रामा खुलने से रंगमंच और नाटक कलाकारों के फिरेंगे दिन
चंडीगढ़: प्रदेश में रंगमंच (थिएटर) को प्रोत्साहन मिलने के आसार हैं।
हरियाणा कला परिषद के प्रस्ताव को मंजूरी मिली तो सरकार राज्य के नाटक
कलाकारों को स्कूल ऑफ ड्रामा की सौगात दे सकती है। हरियाणा के रंगमंच
कलाकारों की नाट्य विधा को आकार देने वाला यह स्कूल नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा
(एनएसडी) की तर्ज पर संचालित होगा।
आरंभ में स्कूल ऑफ ड्रामा में एक साल
का नाटक डिप्लोमा कराया जाएगा। बाद में इसे दो और तीन साल के डिप्लोमा तक
ले जाने की योजना है। हरियाणा कला परिषद की ओर से मुख्यमंत्री मनोहर लाल को
भेजे गए प्रस्ताव में एक वर्षीय रंगमंच डिप्लोमा कोर्स आरंभ करने का आग्रह
किया गया है। स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ परफॉर्मिग एंड विजुअल आर्ट्स रोहतक में
स्कूल ऑफ ड्रामा खोलने का प्रस्ताव भेजा गया है।
नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा
(एनएसडी) दिल्ली में तीन वर्षीय कोर्स होते हैं। फिल्म अभिनेता ओमपुरी,
नसीरुद्दीन शाह, ओम शिवपुरी, बलराज पंडित, पंकज कपूर, सीमा बिस्वास, एसके
साहनी और मेघना मलिक एनएसडी की ही देन हैं। हरियाणा कला परिषद की ओर से
पिछले दिनों कुरुक्षेत्र में कराई गई नाट्य विधा चिंतन बैठक में हरियाणा
में स्कूल ऑफ ड्रामा की जरूरत उभरकर सामने आई थी। परिषद की ओर से पहली बार
थिएटर से जुड़े नामचीन व गुमनाम कलाकारों को एक मंच पर इकट्ठा करते हुए कला
के प्रोत्साहन में उनकी राय मांगी गई थी। नाटक कलाकारों ने राय दी कि
हरियाणा में थिएटर कलाकारों की कमी नहीं हैं लेकिन रंगमंच यहां उपेक्षित
है।’
"हरियाणा कला
परिषद ने अलग-अलग श्रेणी के कलाकारों की चिंतन बैठकों का दौर शुरू किया है।
नाट्य विधा चिंतन बैठक हो चुकी है और अब फिल्मकार चिंतन बैठक रोहतक में
होगी। परिषद की ओर से हर कला और कलाकारों को प्रोत्साहित करने की दिशा में
काम आरंभ हो गया है। परिषद के चेयरमैन के नाते मुख्यमंत्री मनोहर लाल के
पास हरियाणा का अपना स्कूल ऑफ ड्रामा खोलने का प्रस्ताव भेजा गया है, जो
रोहतक में संभव है। इस प्रस्ताव के मंजूर होने के बाद हरियाणा के रंगमंच और
नाट्य विधा से जुड़े कलाकारों को लाभ होगा।"-- अजय सिंहल,निदेशक, हरियाणा कला
परिषद
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