हैदराबाद के अमीरपेट को
अनऑफिशियल आईटी हब कहने की वजहें भी हैं। जैसे ही आप इस जगह पर पहुंचेंगे
आपका स्वागत बड़ी-बड़ी और ऊंची-ऊंची इमारतें करेंगी। इन इमारतों पर लगे हुए
होर्डिंग्स और पोस्टर आगे की दास्तां खुद ही बयां कर देते हैं। किसी भी
इमारत में कोई जगह ऐसी नहीं मिलेगी जो खाली हो और वहां कोई होर्डिंग लगा
हो। सुबह साढ़े सात बजे ही छात्रों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो जाता है,
जो रात तक चलता रहता है। यही नजारा आप पूरे दिन, पूरे महीने और पूरे साल
देख सकते हैं। यहां पर दिनभर में लाखों की तादाद में छात्र पहुंचते हैं। ये
इंस्टीट्यूट भले ही छोटे-छोटे हों, लकिन यहां हर तरह का कोर्स उपलब्ध है।
जैसे ही आप यहां पहुंचते हैं, काउंसलर कोर्स के बारे में जानकारी देने लगते
हैं। यहां सिर्फ हैदराबाद से ही नहीं, दूसरे राज्यों तक से छात्र कोचिंग
के लिए आते हैं।
बिहार से आए नितिन कहते हैं- मैंने अमीरपेट को इसलिए
चुना क्योंकि यहां ये कोर्स सिर्फ सस्ते है, बल्कि कॅरिअर के अनुसार ये
अपडेट भी होते रहते हैं। उत्तरप्रदेश के विनय कहते हैं- मुझे तो मेरे दोस्त
से पहली बार अमीरपेट के बारे में पता चला, इसी के बाद मैं यहां पहुंचा।
अमीरपेट में कई कोचिंग सेंटर तो ऐसे भी हैं, जो प्लेसमेंट तक दिलाने का
दावा करते हैं। दरअसल, आईटी इंडस्ट्री में जिस तेजी से कंपनियां ऊपर चढ़ रही
हैं, उसी तेजी से टेक्नोलॉजी बदल रही है। सॉफ्टवेयर प्रोग्राम या तो
अपग्रेड हो जाते हैं, या खत्म ही कर दिए जाते हैं। देश में आउटसोर्सिंग की
दिग्गज कंपनियां इंफोसिस और विप्रो अपने कर्मचािरयों की दक्षता को बढ़ाने और
बनाए रखने के लिए ट्रेनिंग प्रोग्राम पर खुलकर खर्च करती हैं, लेकिन सभी
जगह ऐसा नहीं है। जिन्हें नौकरी बदलनी होती है, या जल्द प्रमोशन के लिए
योग्यता बढ़ानी होती है, वे नौकरीपेशा भी यहां आते हैं। कोर्स सस्ते इसलिए
हैं, क्योंकि यहां पर पायरेटेड सॉफ्टवेयर ही इस्तेमाल किए जाते हैं।
कभी-कभी छापे भी पड़ते हैं, छापे की खबर लगते ही दनादन यहां पर इंस्टीट्यूशन
संचालक अपने सर्वर्स को पूरा खाली कर देते हैं। जैसे ही छापे की टीम यहां
से लौटती है, इन इंस्टीट्यूट में दोबारा रीइंस्टाॅलेशन की प्रक्रिया शुरू
हो जाती है। यहां इतनी तेजी से कोर्स अपडेट होता है, जितनी तेजी से देश के
जाने-माने कॉलेजों में भी नहीं बदलता।
अमीरपेट को ही क्यों चुन रहे हैं छात्र?
बेसिक से लेकर एडवांस लेवल तक के कोर्स
यहां हर तरह के कम्प्यूटर कोर्स
होते हैं। बेसिक एजुकेशन से लेकर एडवांस लेवल तक। ऑटो कैड 2डी/3डी, ऑटोकैड
सिविल स्पेशलाइजेशन, मैकेनिकल स्पेशलाइजेशन, इलेक्ट्रिकल (ई कैड), एमएस
प्रोजेक्ट, प्रो इंजीनियर, यूनी ग्राफिक्स, हाइपरमैश और एनालिसिस जैसे
कोर्स कराए जाते हैं। आंध्र प्रदेश के युवा सर्वाधिक इंजीनियर प्रोफेशन काे
चुनते हैं।
सबसे जल्दी अपडेट
अमीरपेटऐसी जगह है, जहां सबसे पहले कोर्स अपडेट होते हैं। दरअसल, आईटी सेक्टर में सॉफ्टवेयर प्रोग्राम तेजी से बदलते हैं और अमीरपेट के इंस्टीट्यूट सबसे पहले कोर्स में इन प्रोग्राम को शामिल करते हैं।
सबसे सस्ती फीस
देशमें अन्य स्थानों पर जिन ट्रेनिंग प्रोग्राम पर करीब पौने चार लाख रुपए तक की फीस होती है, वे यहां पर 25 हजार रुपए से भी कम फीस पर उपलब्ध हैं। सस्ते इसलिए भी हैं क्योंकि यहां पायरेटेड सॉफ्टवेयर इस्तेमाल होते हैं।
बाकी जगह यहां से 15 गुना ज्यादा है फीस
अलग-अलगकोर्स के लिए अलग-अलग फीस। सामान्य तौर पर यहां फीस 1200 रुपए से शुरू होती है। 3 से 6 महीने के कई कोर्स के लिए फीस 25 हजार रुपए तक जाती है। यह बाकी जगहों के मुकाबले काफी कम है। देश के अन्य शहरों में यही फीस करीब 15 गुना तक महंगी है। खास बात यह है कि हैदराबाद रहने के लिहाज से भी सस्ता है।
"कॉलेज में आपको सिर्फ डिग्री मिलती है, अमीरपेट में आपको असली शिक्षा मिलती है।"-- नरसिम्हमपेरी, ब्रिटेनकी ब्रिस्टल यूनिवर्सिटी में रिसर्चर
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