शिक्षा विभाग के अतिरिक्त
मुख्य सचिव पी.के. दास ने बताया कि प्रदेश में करीब 4800 प्राइवेट स्कूल
हैं। अभी तक 2300 स्कूलों ने ही कक्षावार खाली सीटों की सूचना उपलब्ध कराई
है। इन स्कूलों को 2 लाख रुपए तक की सालाना आय वाले बच्चों को 10 प्रतिशत
सीटों पर दाखिला करना है।
16 अप्रैल को टेस्ट लिया जाएगा। इसके बाद 55
प्रतिशत अंकों के साथ मैरिट में आए बच्चों की जिला स्तर पर काउंसिलिंग की
जाएगी। मनपसंद स्कूल के लिए उनसे 5-5 स्कूलों के विकल्प मांगे गए हैं।
पिछले साल करीब 25000 बच्चों का एडमिशन करवाया गया था। इस साल 50 से 60
हजार बच्चों को एडमिशन दिलाने की योजना है। उन्होंने बताया कि बुधवार को
प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन का एक प्रतिनिधि मंडल उनसे मिला था। उन्हें भी इस
बारे में सचेत कर दिया गया है। दास ने बताया कि जिन स्कूलों ने 31 दिसंबर,
2016 तक फीस घोषणा पत्र भरकर नहीं दिया था, उन्हें पिछले साल की फीस ही
लेनी पड़ेगी। लेकिन अगर किसी ने हरियाणा स्कूल एजुकेशन नियम 158ए के तहत
फीस घोषणा-पत्र भरा था, तो भी उन पर कुछ शर्तें लागू होंगी। जैसे कैपिटेशन
फीस नहीं ली जाएगी और ट्यूशन फीस की एक तिमाही से ज्यादा एडवांस रिकवरी
नहीं कर सकते। कुछ स्कूल फीस की वजह से विद्यार्थियों का वार्षिक परीक्षा
का परिणाम नहीं दे हैं।
निजी स्कूल इंडस्ट्री की तरह नहीं चलेंगे: रामबिलास
इधर,
महेंद्रगढ़ में शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा बोले- 134-ए के तहत निजी
स्कूलों को दाखिला देने ही पड़ेगा। अब निजी स्कूलों को इंडस्ट्रीज की तरह
नहीं चलाने दिया जाएगा।
पानीपत : हरियाणा यूनाइटेड स्कूल एसोसिएशन का
प्रतिनिधिमंडल ने प्रदेश अध्यक्ष विजेंद्र मान की अध्यक्षता में एसीएस पीके
दास से मिलकर कुछ नियमों पर क्लियरिटी मांगी। उन्होंने कहा है कि नियम 134
के तहत आय का सर्टिफिकेट तहसीलदार से प्रमाणित होना चाहिए। हर जिले से कोई
भी 50 आवेदन उठाकर जांच होगी। जिन स्कूलों ने फार्म 6 के तहत जानकारी दी
है वो उसी अनुसार फीस बढ़ा सकते हैं।
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