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Saturday, 15 April 2017

सियासी दबाव बढ़ा तो प्राइवेट स्कूलों से वापस होने लगे नोटिस

** रसूखदार नेताओं के निजी स्कूलों पर कार्रवाई की हिम्मत नहीं जुटा रहे शिक्षा अधिकारी1
** रेवाड़ी, कुरुक्षेत्र, अंबाला, सिरसा व रोहतक में कई स्कूलों से नोटिस वापस लिए

चंडीगढ़ : शिक्षा का अधिकार अधिनियम के नियम 134ए के तहत गरीब बच्चों को दाखिला दिलाने के लिए शिक्षा विभाग ने भले ही करीब ढाई हजार निजी स्कूल संचालकों को नोटिस जारी कर दिए हैं। इसके बावजूद गरीबों की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रहीं। सियासी दबाव में कई रसूखदार नेताओं के निजी स्कूलों को जारी नोटिसों को वापस लेने का क्रम शुरू हो गया है। 
प्रदेश सरकार की लाख कोशिशों के बावजूद खाली सीटें सार्वजनिक न करने वाले स्कूलों में रसूखदार नेताओं के स्कूलों का आंकड़ा भी काफी बड़ा है। सरकार ने अभिभावकों और दो जमा पांच मुद्दे जन आंदोलन के दबाव में जानकारी छुपाने वाले स्कूलों को नोटिस जारी कर मान्यता रद करने के आदेश तो जारी कर दिए, लेकिन अब उन्हें अमलीजामा पहनाने में पसीने आ रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक रेवाड़ी, कुरुक्षेत्र, अंबाला, सिरसा और रोहतक में तो मान्यता रद करने के लिए जारी नोटिस वापस भी ले लिए गए। इन जिलों में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बड़े नेताओं के निजी स्कूल ज्यादा हैं। कोटे की सीटों को सार्वजनिक नहीं किए जाने के बावजूद इन पर कार्रवाई को लेकर शिक्षा विभाग के अधिकारी ऊहापोह की स्थिति में हैं। शिक्षा निदेशालय से तो कार्रवाई के आदेश हो चुके, लेकिन जिला शिक्षा अधिकारियों के लिए इन्हें अमल में लाना चुनौती बन गया है। वहीं, स्कूल शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके दास ने कहा कि जिला शिक्षा अधिकारियों से स्कूलों पर कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी गई है। किसी को बख्शा नहीं जाएगा।
सीएम हाउस पर होगी भूख हड़ताल

नियम 134ए के तहत निजी स्कूलों में गरीब बच्चों को दाखिला नहीं दिए जाने के खिलाफ सामाजिक संगठन अब चंडीगढ़ का रुख करने लगे हैं। लंबे समय से आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों के हित की लड़ाई लड़ रहे संगठन दो जमा पांच मुद्दा जन आंदोलन ने एलान किया है कि सोमवार को चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री निवास पर भूख हड़ताल की जाएगी जिसमें प्रदेश भर के लोग शामिल होंगे। पिछले सप्ताह हरियाणा अभिभावक मंच के बैनर तले कई जिलों से पहुंचे लोगों ने सीएम हाउस पर प्रदर्शन कर निजी स्कूलों की मनमानी के खिलाफ आवाज उठाई थी। इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए अब दो जमा पांच मुद्दा जन आंदोलन के प्रधान सत्यवीर सिंह हुड्डा ने मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने शुक्रवार को सहकारिता राज्य मंत्री मनीष ग्रोवर से पूछा कि निजी स्कूलों में दाखिले के लिए टेस्ट में 55 फीसद अंक लेने की अनिवार्यता खत्म करने की सीएम की घोषणा पर शिक्षा विभाग ने अभी तक कोई निर्देश जारी क्यों नहीं किया है। इस पर मंत्री कोई जवाब नहीं दे पाए और वहां से निकल गए। इसके बाद हुड्डा ने 17 अप्रैल को सामाजिक कार्यकर्ता रोहतास सिंहमार, बलबीर सिंह सरोहा, दलबीर सिंह भौसले के साथ सीएम हाउस के आगे अनशन पर बैठने का एलान किया। इस दौरान प्रदेशभर से अभिभावक मौजूद रहेंगे।
आंदोलन के लिए मजबूर न करे सरकार : कुंडू

उधर, हरियाणा प्राइवेट स्कूल संघ के प्रदेशाध्यक्ष सत्यवान कुंडू व प्रांतीय संरक्षक तेलूराम रामायण वाला ने प्रदेश सरकार पर निजी स्कूलों के प्रति उदासीन रवैया अपनाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि हजारों स्कूलों को जो नोटिस थमाए हैं, वे गलत हैं। इनमें से 95 फीसद स्कूलों ने बीईओ या डीईओ की मेल पर खाली सीटों का ब्योरा निर्धारित समय से पहले ऑनलाइन किया हुआ है। इसके बावजूद कारण बताओ नोटिस से मान्यता रद करने की धमकी दी जा रही है। ऐसे में प्रदेश सरकार निजी स्कूलों को आंदोलन करने के लिए मजबूर कर रही है।

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