** 8वीं तक के दाखिलों की 19 अप्रैल को होगी काउंसिलिंग
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जींद : नियम 134ए के तहत बीपीएल और जरूरतमंद
परिवारों के बच्चों के होने वाले दाखिले को लेकर सरकार शिक्षा विभाग ने दो
महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं। विभाग ने फैसला लिया कि अब पहली से 8वीं तक के
बच्चों का टेस्ट के बाद दाखिला ड्राॅ सिस्टम से कर मेरिट के आधार पर
काउंसिलिंग से किया जाएगा। वहीं, सरकार ने आवेदन प्रक्रिया में अभिभावकों
द्वारा लगाए जा रहे बीपीएल कार्ड आय प्रमाण पत्रों की वेरिफिकेशन कराने का
फैसला लिया गया। चीफ सेक्रेटरी डीएस ढेसी ने सभी जिलों के डीसी को आदेश दिए
कि आवेदन के साथ लगे बीपीएल कार्ड/ आय प्रमाण पत्रों की हर जिले में कम से
कम 50 आवेदन फार्मों की जांच की जाए।
दाखिले के लिए प्रदेशभर में पहली
काउंसिलिंग बीईओ कार्यालयों में 19 अप्रैल को होगी। 20 से 25 अप्रैल तक
काउंसिलिंग के आधार पर प्राइवेट स्कूलों दाखिल होंगे। रिक्त सीटों के लिए
दूसरी काउंसिलिंग 1 मई को होगी। 2 मई से 9 मई तक दाखिला ले सकेंगे। यदि दो
राउंड की काउंसिलिंग के बाद भी किसी प्राइवेट स्कूल में कोई रिक्त सीट बचती
है तो संबंधित स्कूल को 12 मई तक संबंधित बीईओ इसका ब्योरा देना होगा। फैसले की 2 वजह 1. ड्राॅसिस्टम से पिछले साल जिन बच्चों ने टेस्ट में काफी अच्छे अंक लिए हैं, उन्हें पसंद के निजी स्कूलों में दाखिला नहीं मिल पाया था। 2. दोलाख से कम आय के बनवाए जा रहे प्रमाण-पत्रों की लगातार शिकायत मिल रही थी। सरकार ने पारदर्शिता के लिए बीपीएल/ आय प्रमाण पत्रों की वेरिफिकेशन कराने का फैसला लिया है। निजी स्कूलों में मनमानी फीस जांचने को बनाई कमेटियां: रामबिलास निजीस्कूलों द्वारा मनमानी फीस वसूली की जांच के लिए जिला स्तर पर कमेटियां बनाई गई हैं जो एक सप्ताह में रिपोर्ट देंगी। कमेटी में हर जिले के एडीसी अध्यक्ष होंगे। कमेटी में जिला शिक्षा अधिकारी, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी और जिला मुख्यालय पर स्थित खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय के खंड शिक्षा अधिकारी शामिल होंगे। शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा ने गुरुवार को चंडीगढ़ में स्कूल शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक के बाद यह जानकारी दी। बैठक में स्कूल शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके दास, माध्यमिक शिक्षा विभाग के निदेशक एसएस फुलिया भी रहे। शिक्षा मंत्री ने बताया कि किसी भी प्राइवेट स्कूल को मनमाने तरीके से फीस बढ़ोतरी नहीं करने दी जाएगी। उन्होंने प्रदेश के सेल्फ फाइनेंस निजी स्कूल संचालकों से अनुरोध किया है कि वे फीस का स्तर गरीब अभिभावकों और विभागीय नियमों के अनुसार ही रखें। |
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