** स्कूलों में एनसीईआरटी की पुस्तकें लागू करने के निर्देश
भिवानी : सीबीएसई ने स्कूलों में अब निर्देश जारी किए हैं कि सीबीएसई से
मान्यता प्राप्त स्कूलों में एनसीईआरटी की पुस्तकें लागू हों। स्कूलों में
पुस्तकें, स्टेशनरी, ड्रेस आदि की बिक्री पर पूरी तरह से रोक रहे। हालांकि
सीबीएसई के यह निर्देश देरी से आए हैं लेकिन यहां प्रशासन ने पहले ही इस
प्रकार के निर्देश जारी कर रखे हैं। इसलिए सीबीएसई ही नहीं हरियाणा बोर्ड
के स्कूलों में भी पुस्तकें, स्टेशनरी, ड्रेस आदि बेचने पर पाबंदी है। इन
सब पर नजर रखने के लिए सीबीएसई की टीम औचक निरीक्षण भी कर रही है। भिवानी
और दादरी के पांच स्कूलों के नाम नार्म्स पूरे नहीं करने पर कारण बताओ
नोटिस भी जारी किया गया है।
हालांकि स्कूलों पर नजर रखने वालों की
मानें तो स्कूल भले ही बच्चों से संबंधित सामग्री न बेचें लेकिन उनका
दुकानों से सीधा कमीशन बंधा होता है। ऐसे में कुछ इस प्रकार के कदम भी उठाए
जाने चाहिए कि अभिभावकों की जेब कटने से बचाया जा सके। शिक्षा विभाग से
मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश में सीबीएसई के 924 स्कूल हैं। इनमें भिवानी
और दादरी की बात करें तो 48 स्कूल हैं। दाखिलों का सीजन जोरों पर चल रहा
है। हालांकि ज्यादातर प्राइवेट स्कूलों में दाखिलों की प्रक्रिया काफी हद
तक पूरी हो चुकी है। स्कूलों में स्टेशनरी, पुस्तकें, ड्रेस आदि बेचने की
खबरों पर पिछले दिनों स्थानीय प्रशासन ने कड़ा संज्ञान लेते हुए निर्देश
जारी किए थे कि किसी भी स्कूल में पुस्तकें, ड्रेस, स्टेशनरी आदि बेचने की
खबर मिली तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। इस बारे में अधिकारियों की टीम और
बोर्ड चेयरमैन और सचिव ने छापेमारी भी की थी।
"सीबीएसई के स्पेशल निर्देश होते हैं कि राज्य सरकार के
नियमों की अनुपालना में किसी प्रकार की कोताही न बरती जाए। सीबीएसई बोर्ड
भर है नियम राज्य सरकार के ही माने जाएं। स्कूलों में पुस्तकें, ड्रेस,
स्टेशनरी आदि नही बेची जा रही हैं। राज्य सरकार के निर्देश स्कूलों के पास
पहले ही आए हुए हैं। इसलिए स्कूलों में कहीं किसी प्रकार की पाठ्यसामग्री
नहीं बेची जा रही है।"-- पवन गोयल, डायरेक्टर, लिटिल हाट्र्स पब्लिक स्कूल,
भिवानी।
"स्कूल परिसर में पुस्तकें, ड्रेस, स्टेशनरी आदि नहीं बेचने के लिए
निर्देश जारी किए गए हैं। स्कूलों पर नजर भी रखी जा रही है। जो भी स्कूल
नियमों की अनदेखी करता पाया गया उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। खंड शिक्षा
अधिकारियों को भी इस पर नजर रखने के लिए निर्देश दिए गए हैं।"-- सुरेश शर्मा,
जिला शिक्षा अधिकारी, भिवानी।
"प्रशासन के निर्देश पहले ही उनके पास पहुंच
चुके थे। इतना ही नहीं जो पुस्तकें स्कूलों में लागू की गई हैं उनकी सूची
एडीसी कार्यालय में जमा करवा दी गई है। स्कूलों में किसी प्रकार की स्कूलों
की पाठ्य सामग्री नहीं बेची जा रही है। ना ही किसी दुकान से स्कूलों का
संबंध है। अभिभावक और छात्र कहीं से भी पुस्तकें, स्टेशनरी आदि खरीदने के
लिए स्वतंत्र हैं।"-- आकाश रहेजा, जिला प्रधान, प्राइवेट स्कूल वेलफेयर
एसोसिएशन
"प्राइवेट स्कूलों पर भले ही शिकंजा कसने की बात की जा रही है लेकिन
हकीकत कुछ और है। प्रशासन और सीबीएसई के निर्देश के बाद हालांकि स्कूलों
में पुस्तकें, ड्रेस आदि नहीं बेची जा रही है। लेकिन बाजार में दुकानदारों
से कमीशन सेट किया गया है। अभिभावक चाह कर भी कुछ कर नहीं पाते।"-- रमेश
सैनी, अभिभावक, भिवानी।
"स्कूल खुद के परिसर में तो पुस्तकें, ड्रेस,
स्टेशनरी आदि नहीं बेच रहे हैं लेकिन बाजार में दर्जन भर से ज्यादा दुकानें
हैं, जिनमें स्कूलों का सीधा संबंध बताया जा रहा है। पुख्ता सबूत मिलते ही
स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन इसके खिलाफ कार्रवाई करेगा।"-- बृजपाल परमार,
प्रदेश अध्यक्ष, स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन
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