आरटीआई के बाद पुनर्मूल्यांकन में जो नंबर बढ़े, उसमें भी उनके साथ अन्याय किया गया और बढ़े हुए नंबरों के आधे नंबर ही बढ़ाए गए। यही नहीं, विद्यार्थियों ने आरोप लगाया कि उनकी ओर से कोई गलती नहीं होने के बावजूद उनसे पुनर्मूल्यांकन फीस ली गई। विद्यार्थियों ने वीसी को पत्र लिखकर उनकी समस्या का समाधान करने व फीस वापस दिलवाने की मांग की है। इस मामले में कार्रवाई करते हुए रजिस्ट्रार केपी सिंह ने परीक्षा शाखा पर कड़ी टिप्पणी की है और बार-बार परीक्षा शाखा के खिलाफ मिल रही शिकायतों को गंभीर मामला बताया है।
पुनर्मूल्यांकन फीस मांगी वापस
वीसी के नाम रजिस्ट्रार को भेजी गई शिकायत में विद्यार्थियों ने बताया कि
वे विश्वविद्यालय से गणित विषय में पोस्ट ग्रेजुएशन कर रहे तीसरे वर्ष की
परीक्षाओं के परिणाम में कई छात्रों को काफी कम अंक दिए गए। आरटीआई के
माध्यम से उत्तर पुस्तिकाओं को निकलवाया गया। इसमें सभी प्रश्र-पत्र के कई
प्रश्न हल किए जाने के बावजूद उनके नंबर नहीं लगाए गए हैं। नाराज छात्रों
ने मंगलवार को रजिस्ट्रार को शिकायत देकर आरोपी स्टाफ कर्मियों पर कार्रवाई
करने, पुनर्मूल्यांकन के लिए जमा कराई गई 500 रुपये की फीस वापस दिलाने व
बढ़े हुए पूरे अंक दिलवाने की मांग की। शिकायतकर्ता छात्रों में सुमित,
पूजा व निधि शामिल हैं।
"परीक्षा-शाखा के खिलाफ प्रत्येक दिन इस तरह की शिकायतें मिल रही हैं।
शाखा की कार्यप्रणाली में सुधार की जरूरत है। शीघ्र ही कारगर कदम उठाए
जाएंगे।”-- केपी सिंह,रजिस्ट्रार
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