चंडीगढ़ : हरियाणा के सरकारी स्कूलों के बच्चे हर महीने के चौथे शनिवार को
कुछ अलग ही रूप में नजर आएंगे। मस्ती के साथ-साथ हाथों में चार्ट लिए आठवीं
से 12वीं कक्षा तक के विद्यार्थी घर-घर दस्तक देकर पूछेंगे कि कहीं आप
धूम्रपान तो नहीं करते। पूरा ब्योरा जुटाने के बाद वह नशे के दुष्प्रभाव
बताते हुए इससे दूर रहने की गुजारिश भी करेंगे।
ग्लोबल एडल्ट टोबैको के
सर्वे के मुताबिक 14.6 फीसद स्कूली बच्चे तंबाकू का सेवन करते हैं। इनमें
ज्यादातर आठवीं से 12वीं तक के छात्र शामिल हैं। इन बच्चों को धूम्रपान से
दूर करने और उनके आस-पड़ोस के परिवारों को इस बुराई से दूर करने के लिए
शिक्षा विभाग ने यह नया तरीका निकाला है। स्कूल शिक्षा निदेशक ने सभी जिला
शिक्षा अधिकारियों, मौलिक शिक्षा अधिकारियों, जिला परियोजना संयोजक, खंड
शिक्षा अधिकारी, मौलिक शिक्षा अधिकारी, स्कूल मुखिया को लिखित आदेश जारी
किया है कि 22 अप्रैल को सभी स्कूलों में तंबाकू के दुष्प्रभावों पर
वादविवाद, पेंटिंग और स्लोगन प्रतियोगिताएं कराने के साथ ही धूम्रपान न
करने की शपथ दिलाई जाए।निर्देश दिए गए हैं कि योगाचार्य, खिलाड़ियों और
डॉक्टरों को स्कूल में बुलाया जाए जो बच्चों को तंबाकू के दुष्प्रभाव के
बारे में बताएंगे। आठवीं से बारहवीं तक के बच्चों को फील्ड में उतारा
जाएगा।
सर्वे रिपोर्ट पर मिलेंगे अंक
घर-द्वार पर जाकर पूरा आंकड़ा जुटाने के बाद
बच्चे अपनी पूरी प्रोजेक्ट रिपोर्ट स्कूल में जमा कराएंगे। सीसीई के तहत इन
बच्चों को इंटरनल एसेसमेंट के तहत अलग से अंक भी दिए जाएंगे। साथ ही उनमें
नेतृत्व क्षमता भी विकसित होगी। इस तरह खुद तंबाकू से दूर रहेंगे अपितु
अभिभावकों को भी जागरूक करेंगे।
"हमारी कोशिश स्कूली बच्चों और उनके अभिभावकों को तंबाकू सेवन की लत से दूर
करने की है। इसके लिए आगे भी कई तरह के कार्यक्रम शुरू करने की योजना है।
स्कूल के 100 मीटर दायरे में अगर कोई तंबाकू उत्पाद की बिक्री करता मिला तो
उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।"-- पीके दास, अतिरिक्त मुख्य सचिव,
शिक्षा विभाग
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