चंडीगढ़ : हाई कोर्ट के आदेश के बावजूद सरकार स्कूलों में बोगस
प्रवेश दिखाने वाले कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की रिपोर्ट कोर्ट में
पेश नहीं कर पाई। मंगलवार को कोर्ट में सुनवाई दौरान निदेशक मौलिक शिक्षा
विभाग का 16 मार्च को जारी एक पत्र पेश किया गया, जिसमें निदेशक ने जांच के
लिए कमेटी का गठन और एक सप्ताह में रिपोर्ट देने की बात कही।
गौर है कि
13 मई 2016 को हाई कोर्ट ने 3581 सरप्लस गेस्ट टीचरों की अपील व सरकार की
अर्जी को खारिज करते हुए सरप्लस गेस्ट टीचरों की सेवा समाप्त करने के एकल
बैंच के आदेश को सही ठहराया था। हाई कोर्ट ने कहा कि यह पत्र कोर्ट के आदेश
के चार महीने बाद जारी किया गया। इसका मतलब साफ है कि अधिकारी दोषी अफसरों
व कर्मचारियों को बचाना चाहते हैं। हाई कोर्ट ने इस मामले में कोई आदेश
पारित करने से पहले शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव तलब करते हुए अपना
पक्ष रखने को कहा है। हाई कोर्ट ने गत वर्ष 18 नवम्बर को शिक्षा सचिव पीके
दास को फटकार लगाते हुए पूछा कि जब हाई कोर्ट ने इस मामले की जांच वरिष्ठ
आइएएस से करवाने को कहा था तो उसने सरकार से बगैर मंजूरी लिए एक पूर्व सेशन
जज से जांच क्यों करवाई।
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