चंडीगढ़ : पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने एक याचिका पर फैसला सुनाते हुए
स्पष्ट कर दिया कि किसी भी नियुक्ति प्रक्रिया को निर्धारित समय में ही
चुनौती दी जा सकती है। प्रक्रिया पूरी होने के बाद दावे पर विचार नहीं किया
जा सकता है। कोर्ट ने असिस्टेंट एक्साइज एंड टैक्सेशन ऑफिसर की भर्ती में
फिजिकली हैंडीकैप श्रेणी में रोहतक निवासी याची का दावा खारिज कर दिया।
रोहतक निवासी याची ने कहा था कि सरकार ने असिस्टेंट एक्साइज एंड टैक्सेशन
ऑफिसर के 29 पदों के लिए आवेदन मांगा था और अंतिम तिथि 24 दिसंबर 1992 थी।
याची ने कहा कि इस विज्ञापन में सरकार ने 24 जनवरी 1991 की पॉलिसी को ध्यान
में नहीं रखा, जिसके तहत फिजिकली हैंडीकैप श्रेणी को आरक्षण दिया जाना था।
याची ने कहा कि 29 सीटों के अनुपात में उनकी श्रेणी का एक पद बनता है और
ऐसे में यह पद एरियर, सीनियॉरिटी और अन्य लाभ के साथ उसे दिया जाए। इसके
लिए याची ने हरियाणा सरकार को Rमश: 25 अप्रैल 1996, 13 अगस्त 1997 और 24
अक्टूबर 1997 को रिप्रेजेंटेशन भी सौंपी थी। हाईकोर्ट ने इस याचिका को
खारिज करते हुए कहा कि भर्ती प्रक्रिया को वर्ष 1998 में चुनौती दी गई, जबकि
मार्च 1996 में फाइनल रिजल्ट घोषित किया जा चुका था।
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