रोहतक : हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने फाइन आर्ट्स विषय के लिए पीजीटी की पहली बार निकाली भर्ती विवादों से घिर गई है। जब प्रक्रिया शुरू हुई तो आयोग ने उम्मीदवारों को चार वर्ष का अध्यापन अनुभव एचटेट की शर्त बता दी। ऐन वक्त पर आयोग द्वारा नई शर्त का हवाला देने पर पोस्ट ग्रेजुएट उम्मीदवारों ने खुद को ठगा सा महसूस किया। लगभग 300 उम्मीदवारों ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट का सहारा लिया। हाईकोर्ट ने पूरे प्रकरण पर सुनवाई करने के बाद उम्मीदवारों के हक में फैसला दिया कि जब तक सभी अावेदकों के इंटरव्यू की प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती, तब तक रिजल्ट आउट नहीं किया जाएगा। 24 अप्रैल को अगली सुनवाई में आयोग काे अपना पक्ष रखने के लिए कहा है। यह आदेश मिलने के बाद उम्मीदवारों ने राहत की सांस ली है।
अपीलकर्ता रोहतक जिले के प्रीत विहार निवासी दिग्विजय जाखड़ ने बताया कि सरकार ने पहली बार 15 जुलाई 2014 को फाइन आर्ट्स विषय में पीजीटी की प्रदेश स्तर पर 715 रिक्त सीटों पर भर्ती प्रक्रिया के लिए आवेदन मांगे, लेकिन 50 फीसदी से कम आवेदन पहुंचे। वर्ष 2014 में फाइन आर्ट्स में एचटेट नहीं होता था। अावेदन कम आने के चलते भर्ती प्रक्रिया के लिए दोबारा वर्ष 2015 में आवेदन मांगे गए। अावेदन करने की अंतिम सीमा 21 सितंबर 2015 रखी गई। आवेदन के लिए योग्यता 50 फीसदी अंक से उत्तीर्ण फाइन आर्ट एमए बताई गई। फिर 6 अक्टूबर 2015 को संशोधित पत्र निकाला और कहा कि उम्मीदवार को एचटेट और बीएड करने के लिए 1 अप्रैल 2018 तक समय दिया जाएगा। अब 16 अप्रैल 2017 को जब इंटरव्यू शुरू हुए तो उसमें अायोग ने तर्क दिया कि वे उम्मीदवार ही इंटरव्यू प्रक्रिया में शामिल होंगे, जिनका वर्ष 2012 तक चार साल का अध्यापन कार्य का अनुभव होगा।
अपीलकर्ता जाखड़ ने बताया कि जबकि पूर्व में लिए गए अब आयोग उम्मीदवारों को गुमराह कर रहा है। इस पर 17 अप्रैल को हाईकोर्ट में रीट डाली गई, जिसकी पैरवी अधिवक्ता तेजपाल ढुल ने की।
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