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Thursday, 6 April 2017

नए मानक तय : शिक्षकों को कम वेतन देने वाले इंजी. कॉलेजों पर होगी सख्ती

** एआइसीटीई के नए मानकों में कम शिक्षक रखने पर भी सजा
** ऐसे संस्थानों में एडमिशन एक साल स्थगित या कम छात्रों को प्रवेश
नई दिल्ली : ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (एआइसीटीई) के नए मानकों के तहत अपने शिक्षकों को कम वेतनमान देने वाले या छात्रों के मुकाबले कम अनुपात में शिक्षक रखने वाले तकनीकी शिक्षण संस्थानों पर सख्ती बरती जाएगी। ऐसे संस्थानों में एडमिशन प्रक्रिया स्थगित की जाएगी या फिर कम छात्रों को प्रवेश दिया जाएगा। ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन की हालिया बैठक में तकनीकी शिक्षण संस्थानों के लिए अनुदान की मंजूरी के साथ ही नए मानकों को स्वीकृत किया गया है। गौरतलब है कि देश में एआइसीटीई के तहत पंजीकृत 3000 इंजीनियरिंग कॉलेज हैं। एआइसीटीई ने यह निर्णय ऐसे समय में लिया है जब दिल्ली यूनिवर्सिटी, जेएनयू और एएमयू समेत विभिन्न केंद्रीय विश्वविद्यालयों के शिक्षक अपर्याप्त वेतनमानों के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। साथ ही यह अध्यापक यूजीसी के सातवें वेतन आयोग की समीक्षा कमेटी की सिफारिशों को भी सार्वजनिक करने की मांग कर रहे हैं। एआइसीटीई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि करीब 12 महीनों से यह शिक्षण संस्थान तय वेतनमान नहीं दे रहे। साथ ही वह शिक्षकों के लिए शिक्षा के तय मानकों का भी पालन नहीं कर रहे हैं। दंडस्वरूप अब प्रशासन सप्लीमेंट्री सीटों को स्थगित कर देगा और कुल एडमिशन सीटों में भी कमी करेगा। इसके अलावा परिषद ने संबंधित विषयों में एक साल के शैक्षणिक सत्र के लिए प्रवेश भी स्थगित करने का मन बनाया है। संबंधित कोर्स या संस्थान की मंजूरी को भी वापस लिया जा सकता है। कोर्स को समय पर शुरू करने या खत्म न करने पर संबंधित विषय की पढ़ाई बंद की जा सकती है।

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